(www.arya-tv.com) गरीब बेटियों की भी शादी धूमधाम से हो जैसे अमीरों के घर पर शादियां होती हैं. गरीबों के लिये यह बात सपने जैसे हो जाती है. कितने गरीब ऐसे भी होते हैं, जो धन के अभाव के चलते बेटियों की शादी तक नहीं कर पाते. लेकिन उनके इस मनसा को पूरा करने के लिए सरकार ने जिले में सामूहिक विवाह कराना शुरू किया. जहां इन बेटियों को उनके चुने वर से या फिर सामूहिक शादी में पंजीकृत उस बेटी के योग्य दूल्हे से शादी करा दी जाती है.
इस तरह की सामूहिक शादी करने के लिए प्रयागराज के श्रम विभाग में प्रयागराज में होने वाले 10 लाख से बड़े निर्माण से एक फीसदी सेस को लगाया गया. इससे मिलने वाली राशि का उपयोग पंजीकृत गरीब श्रमिकों की बेटियों की शादी के लिए होगा. लाखों रुपए का मकान बनवाने वाले अमीर लोग अप्रत्यक्ष रूप से गरीबों की बेटियों के हाथ पीले कर सहभागी बन रहे हैं.
प्रयागराज मंडल के हर जिले कोमिलाकर इस वित्तीय वर्ष 45 करोड़ रुपए का धन राशि एकत्रित हुआ है. प्रयागराज से 35 करोड़ फतेहपुर से 4 करोड़ और कौशांबी और प्रतापगढ़ से तीन-तीन करोड़ रुपए आए. जल्द हीश्रम विभाग के पोर्टल पर इसको अपलोड कर दिया जाएगा.
ऐसे ली जाती है राशि
बड़े निर्माण कार्यों पर जब कोई व्यक्ति नक्शा पास करवाने आता है तो इस दौरान मकान या प्रोजेक्ट का मूल्यांकन कर लिया जाता है. शासन का नियम है कि 10 लाख से अधिक निर्माण कार्य पर एक फीसदी उपकर लगाया जाता है. इसका उद्देश्य होता है कि जो गरीब श्रमिक जितने बड़े मकान बनाते हैं. वह उस मकान में रह नहीं पाते. ऐसे में इन निर्माणकारी लोगों से एक फीसदी उपकर (सेस) लिया जाता है.
इन योजनाओं पर होता है खर्च
राजेश मिश्रा उपयुक्त श्रम बताते हैं कि श्रम विभाग की ओर से अटल आवासीय विद्यालय बनाया है. इस विद्यालय में रहने वाले छात्र-छात्राओं का मेस से लेकर ड्रेस कॉपी, किताब तक का खर्च श्रम विभाग उठाता है. वहीं पंजीकृत श्रमिकों की बेटियों की शादी और मेधावी बेटियों को साइकिल या किसी दुर्घटना में मुआवजा देने में किया जाता है. बताते हैं इस साल मंडल में 45 करोड़ रुपए की राशि इकट्ठा हुई है. जिसको जल्दी पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा. राजकोष को और अधिक बढ़ाया जा सके इसके लिए श्रम विभाग की ओर से टीम तैनात कर दी गई है. साथ ही जिलाधिकारी के माध्यम से सभी को पत्र भी भेजा गया है.