(www.arya-tv.com)प्रदेश में कोरोना रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। बुधवार को रिकॉर्ड 14622 नए मरीज मिले और 62 मौतें हुईं। एक्टिव रोगी 96366 तक पहुंच गए, जो गुरुवार को एक लाख के पार हो सकते हैं। इस बीच, प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर सियासी बहस छिड़ गई है। पिछले 4 दिनों से स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
वहीं, उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। बता दें कि मौजूदा हालात देखते हुए प्रदेश को 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है और हमें भिवाड़ी प्लांट से 80 मीट्रिक टन लेने की मंजूरी मिल गई है। वहीं, हमारी इंडस्ट्री रोज 180 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पैदा कर सकती है। इस तरह देखें तो कुल 260 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध हो जाएगी।
मगर इंडस्ट्री की 180 मीट्रिक टन ऑक्सीजन को रोगियों की जरूरत के हिसाब से तैयार करने के लिए जरूरी इंतजाम करने होंगे। बता दें कि केंद्र भी उद्योगों को ऑक्सीजन सप्लाई बंद करके उसका इस्तेमाल रोगियों के इलाज में करने का ऐलान कर चुका है। ऐसे में अब अगर ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत होती है तो आखिर कौन जिम्मेदार होगा?
उधर, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बुधवार को फिर 35 सांसदों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखकर राजस्थान के हिस्से की लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन दिलाने के लिए दबाव बनाया। शर्मा ने कहा-प्रदेश की मांग रोज 10-12 मीट्रिक टन बढ़ रही है। बुधवार रात तक खपत 250 मीट्रिक टन की हो गई। 30 अप्रैल तक 350 मीट्रिक टन की जरूरत पड़ेगी।
केंद्र की ही गाइडलाइन है कि कोविड रोगियों को लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन ही देनी है। हालांकि, रघु शर्मा यह भी कहते हैं कि आपात हालात में मरता क्या न करता है की स्थिति होने पर हम इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन की सप्लाई देंगे ही। अभी बात लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के एक मात्र भिवाड़ी प्लांट से हमारी ऑक्सीजन कटौती की है।
सरकार! तस्वीर झूठ नहीं बोलती…जयपुर के निजी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने के बाद 15 कोविड मरीज दूसरी जगह रेफर, कई अस्पताल बोले- ऑक्सीजन नहीं है
तस्वीर जयपुर स्थित झोटवाड़ा के निजी अस्पताल जीवन रक्षा की है। बुधवार रात यहां अचानक ऑक्सीजन खत्म होने से कोविड मरीजों की सांसें उखड़ने लगीं। यहां भर्ती सभी 15 कोरोना मरीजों को दूसरी जगह रेफर किया गया। कई परिजन जैसे-तैसे एंबुलेंस की व्यवस्था कर या अपने निजी वाहनों से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में ले गए। वहीं मामले में अस्पताल प्रशासन ने ना तो परिजनों से बात की और जब भास्कर ने बात करने की कोशिश की तो भी बोलने से मना कर दिया। वहीं, सरकार ने जयपुर जिले में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के प्रबंधन के लिए आईएएस रवि जैन को नियुक्त किया है।
डर ये कि… एक्टिव रोगी 96 हजार से ज्यादा हो चुके, ऑक्सीजन की डिमांड डेढ़ गुना बढ़ी, पर सप्लाई वहीं
प्रदेश में 17 अप्रैल को एक्टिव मरीज 59 हजार 999 थे। चिकित्सा विभाग के अनुसार कोविड मरीजों के लिए 7524 ऑक्सीजन सिलेंडर खपत थी तथा अन्य मरीजों के लिए 4307 ऑक्सीजन सिलेंडर। यानि करीब 11 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत थी। अब मंगलवार को एक्टिव मरीज 85 हजार 571 हो गए है । प्रदेश में बुधवार को एक्टिव केस बढ़कर 96 हजार 364 हो गए। यानि करीब डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ गए। जबकि ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई नहीं बढ़ी।