अदालत ने 26 साल पुराने मिलावटी दूध के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत संख्या 17 के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी दूध विक्रेता को दोषी मानते हुए तीन साल की सजा और तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. इस मामले की जानकारी देते हुए वरिष्ठ सहायक अभियोजन अधिकारी (SPO) अनार सिंह ने जानकारी दी है.
वरिष्ठ सहायक अभियोजन अधिकारी (SPO) अनार सिंह बताया कि यह घटना 26 सितंबर 1999 की है. उस दिन खाद्य निरीक्षक मोहित राम ने पुराने इनकम टैक्स ऑफिस के सामने एक व्यक्ति से दूध का सैंपल लिया था. वह व्यक्ति साइकिल से दूध बेच रहा था और उसका नाम राजेश यादव बताया गया, जो नन्हकूपुर गांव का निवासी है. निरीक्षक ने 750 ग्राम दूध 9 रुपये में खरीदा और सैंपल की जांच राज्य प्रयोगशाला, लखनऊ में करवाई गई.
कोर्ट ने क्या कहा
रिपोर्ट में यह दूध मिलावटी पाया गया. जांच में साफ हुआ कि दूध में मिलावट थी, जो लोगों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती थी. अदालत ने कहा कि यह अपराध “आर्थिक अपराध” की श्रेणी में आता है क्योंकि इसमें आम जनता के स्वास्थ्य और उनके पैसों के साथ धोखा हुआ है. अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी को “पहली बार अपराध” का लाभ देना उचित नहीं होगा क्योंकि मामला जनता की सेहत से जुड़ा है.