(www.arya-tv.com) कोरोना की दूसरी लहर के बाद अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लग जाने से जंबो सिलिंडर की मांग घट गई है। इससे इसके दाम भी गिर गए हैं, लेकिन निजी अस्पतालों की वसूली में कोई कमी नहीं आई है। इसके चलते मरीजों पर अनावश्यक रूप से इलाज के खर्च का बोझ बढ़ रहा है। ये तीन मामले निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन के नाम पर हो रही मनमाना वसूली की बानगी हैं।
राजधानी में इस समय एक जंबो ऑक्सीजन सिलिंडर 200 से 250 रुपये में आसानी से उपलब्ध है। जानकारों के मुताबिक एक सिलिंडर सात से आठ घंटे तक चल जाता है। निजी अस्पताल मरीजों से प्रति घंटे 250 रुपये वसूल रहे हैं और एक सिलिंडर पर 1200 से 1500 रुपये तक की कमाई कर रहे हैं। यह हाल छोटे और मझोले अस्पतालों का है। बड़े-कॉरपोरेट अस्पतालों में वसूली का यह ग्राफ डेढ़ से दो गुना और बढ़ जाता है। निजी अस्पतालों में जिला प्रशासन की ओर से ऑक्सीजन की दर तय नहीं होने से यह मनमानी जारी है।