प्रेमचंद जयंती पर लमही महोत्सव का हुआ समापन:मुंशी जी का पैतृक निवास दीपों से जगमगाया

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(www.arya-tv.com) उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 143वीं जयंती पर दीपांजलि मनाई गई। 5100 दीपों से पूरी लमही रोशनाई में नहाई नजर आई। दिन भर साहित्य और कथाओं का मंथन और शाम को दीपांजलि ने मुंशी जी के पैतृक निवास को गुलाजर कर दिया। इस दौरान मुंशी जी का पैतृक आवास काफी भव्य तरीके से सजाया गया था।

स्मारक से लेकर, उनकी लाइब्रेरी और घर के ताखों, खिड़कियों और लॉन को भी दीयों और फूलों से सजा दिया गया था। BHU समेत कई स्कूलों के छात्रों ने बड़ी तन्मयता के साथ मुंशी जी की जन्मस्थली पर दीयों की सजावट की। साल भर गुम-शुम सा रहने वाले लमही में आज काफी चहल-पहल दिखी। इसी के साथ वाराणसी में आज दो दिवसीय मुंशी प्रेमचंद लमही महोत्सव का समापन हो गया।

निकली हारा पदयात्रा

दीपांजलि के अलावा आज दिन में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाें के साथ ही हारा पदयात्रा निकाली गई। मुख्य अतिथि प्रो. अवधेश प्रधान ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने समय और परिवेश को अपनी लेखनी में उकेरा है। साहित्य को आत्मसात कर समाज में उजाला फैलाया।

रामलीला मैदान में कई स्कूलों और संस्थाओं द्वारा कल्चरल एक्टिविटीज की गईं। मुंशी प्रेमचंद महाेत्सव दो दिन तक चला। इसका आयोजक यूपी का संस्कृति विभाग था। वहीं, कार्यक्रम का संयोजन क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र के प्रभारी डॉ. सुभाष चन्द्र यादव ने किया।