(www.arya-tv.com)गोंडा रेलवे स्टेशन से गोरखपुर वाया डिब्रूगढ़ जा रही चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस (15904) की 14 बोगियां पटरी से उतरकर पलट गईं। हादसे में मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख, गंभीर रूप से घायलों को ढाई-ढाई लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया गया है।उत्तर प्रदेश के गोंडा के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर जाने के कारण तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 34 घायल हैं। वहीं, दो गंभीर रूप से घायल यात्रियों को लखनऊ रेफर किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेकर स्थानीय प्रशासन को प्रभावित यात्रियों की हरसंभव मदद का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि घायलों को सही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो।
उत्तरी सीमांत रेलवे (एनएफआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने बताया, ट्रेन नंबर 15904 चंडीगढ़ से बुधवार रात 11.59 बजे डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुई थी। बृहस्पतिवार को ट्रेन गोंडा रेलवे स्टेशन पर दोपहर 2.25 बजे पहुंची और 2.28 बजे यहां से निकली। गोंडा मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर मोतीगंज-झिलाही बाजार के बीच 2.41 बजे ट्रेन बेपटरी होकर पलट गई। एक-एक करके 14 कोच पटरी से उतर गए जिनमें से आठ पलट गए।प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, हादसे के बाद करीब 500 मीटर तक पटरी उखड़ गई। इलेक्ट्रिक लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे की प्रारंभिक वजह बारिश के कारण पटरी के दोनों तरफ जलभराव होने से ट्रैक का बैठना बताया जा रहा है। हालांकि कुछ मीडिया समूहों ने ट्रेन के ड्राइवर के हवाले से बताया है कि उसने दुर्घटना से पहले धमाके की आवाज सुनी थी। हालांकि इसकी रेलवे ने पुष्टि नहीं की है। यूपी डीजीपी ने भी कहा कि कोई धमाका नहीं हुआ है।दुर्घटनास्थल राजधानी लखनऊ से करीब 150 किलोमीटर दूर है। दुर्घटना के तुरंत बाद आसपास के ग्रामीणों ने पलटे एसी कोच के शीशे तोड़कर अंदर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला। कुछ ही देर में एसडीआरएफ, पुलिस व आरपीएफ के जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया।
पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर ने घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने दो रेल यात्रियों की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि मृतकों की शिनाख्त की जा रही है। वहीं, देर रात एक और मौत की पुष्टि हुई। हादसे में 34 रेल यात्री घायल हुए हैं, जिनमें दो की हालत गंभीर है। 26 घायलों को मनकापुर सीएचसी व तीन अन्य को सीएचसी काजीदेवर में भर्ती कराया गया। नौ घायलों को गोंडा मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
पूर्वोत्तर रेलवे ने जानकारी दी है कि पटरी से उतरी ट्रेन में फंसे यात्रियों को बस से गोंडा के पास मनकापुर स्टेशन लाया जा रहा है। उनके लिए मनकापुर से डिब्रूगढ़ तक रास्ते में स्टॉपेज के साथ एक विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई है।
सौ किमी थी रफ्तार
24 कोच वाली ट्रेन के इंजन के बाद एसी के छह कोच लगे थे, जिनमें दो कोच पटरी से उतरकर पलट गए। इसके बाद एसी के चार अन्य कोच भी पलट गए। विभागीय सूत्रों के अनुसार हादसे के समय ट्रेन की रफ्तार करीब सौ किमी प्रतिघंटे से अधिक थी।पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर ने घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने दो रेल यात्रियों की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि इनकी शिनाख्त की जा रही है। हादसे में 31 रेल यात्री घायल हुए हैं, जिनमें दो गंभीर हैं। 26 घायलों को मनकापुर सीएचसी व तीन अन्य घायलों को सीएचसी काजीदेवर में भर्ती कराया गया है। नौ घायलों को गोंडा मेडिकल कॉलेज लाया गया हैं। पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिये गये हैं। चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन चंडीगढ़ से बुधवार की रात 11.59 बजे डिब्रूगढ़ के लिए चली थी। बृहस्पतिवार को ट्रेन गोंडा रेलवे स्टेशन पर दोपहर 2.25 बजे पहुंची थी और 2.28 बजे रवाना हुई।
गोंडा मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर मोतीगंज-झिलाही बाजार के बीच में पिकौरा गांव के पास ट्रेन करीब 2.41 बजे पहुंची थी। जहां ट्रेन बेपटरी होकर पलट गई। 24 बोगियों वाली ट्रेन के इंजन के बाद एसी की छह बोगियां लगीं थीं, जिसमें दो बोगी पटरी से उतरकर नीचे गिरीं, इसके बाद एसी की चार अन्य बोगियां भी पटरी से लटक गईं। गाड़ी की रफ्तार सौ किमी प्रतिघंटे से अधिक होने के चलते अचानक ब्रेक लगाना प्रमुख कारण रहा। बताया जा रहा है कि इसके बाद ट्रेन के करीब आठ अन्य बोगियां भी पटरी से उतरकर गईं। देर शाम तक एसी की दो बोगियां पटरी के नीचे पानी में पड़ी हैं।
यात्रियों ने इसमें कुछ लोगों के फंसे होने की जानकारी दी गई। इस पर एनडीआरएफ की टीम ने बोगियों को खंगाला। देर शाम तक बोगियों की पड़ताल हुई, किसी के फंसे होने की पुष्टि हो प्रशासन ने नहीं की। हादसे में गोंडा-गोरखपुर रेलवे लाइन की करीब 200 मीटर तक की लाइन भी उखड़ गई है, वहीं इलेक्ट्रानिक तार भी टूट गये हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के साथ ही यात्रियों को मनकापुर रेलवे स्टेशन भेजा गया। जहां से उन्हें आगे की यात्रा के लिए ट्रेन मिल सके। हादसे के चलते 11 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया।पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर ने बताया कि चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन हादसे की रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) जांच करेंगे। रेल मंत्रालय ने हादसे में मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख, गंभीर रूप से घायलों को ढाई-ढाई लाख और सामान्य चोटिल मुसाफिरों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। दुर्घटना में घायलों को गोंडा मेडिकल कॉलेज में इलाज अधिकारियों की निगरानी में हो रहा है। सीडीओ एम. अरुन्मौली ने सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा के साथ घायलों का हाल जाना। सीडीओ ने बताया कि मरीजों के इलाज के विशेष इंतजाम किये गये हैं। वहीं रेल हादसे की पड़ताल के लिए पुलिस महकमे के उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचे। देर शाम तक अधिकारी मौके पर डटे रहे।
डिब्रूगढ़ के लिए मनकापुर पहुंची ट्रेन
रेल हादसे में सुरक्षित बचे हजारों की संख्या में यात्रियों को मनकापुर रेलवे स्टेशन भेजा गया था। उन्हें बस्ती, गोरखपुर, देवरिया होते हुए डिब्रूगढ़ से जाने वाले यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने इंतजाम किये। आनन-फानन में चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन की तरह की एक ट्रेन गोमतीनगर से बनकर मनकापुर पहुंची। जिसमें यात्री सवार हुए और उन्हें लेकर ट्रेन रवाना हुई।