मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश के विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिली. प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि बैठक में कुल 15 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से 13 को मंजूरी दी गई है, जबकि 2 प्रस्तावों पर अभी सहमति नहीं बन सकी है.
PRD जवानों को बड़ी राहत:
प्रांतीय रक्षक दल (PRD) के जवानों के ड्यूटी भत्ते में सरकार ने बढ़ोतरी की है. अब इन्हें 1 अप्रैल 2025 से ₹395 की जगह ₹500 प्रतिदिन भत्ता मिलेगा. भत्ते में ₹105 की बढ़ोतरी से प्रदेश के करीब 34,092 जवानों को लाभ होगा. सरकार के इस फैसले से लंबे समय से भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे PRD जवानों को बड़ी राहत मिली है.
अयोध्या को मिली दो अहम सौगातें:
जनपद अयोध्या में 3 से 7 वर्ष की आयु वाले दिव्यांग बच्चों जैसे कि श्रवण बाधित, दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से असक्त बच्चों के लिए ‘बचपन डे केयर सेंटर’ की स्थापना को मंजूरी दी गई है. इसके लिए तहसील सदर की नजूल भूमि को निशुल्क दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा.
हाथरस को मिलेगा नया मेडिकल कॉलेज:
जनपद हाथरस में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु 6.675 हेक्टेयर भूमि के हस्तांतरण को मंजूरी दी गई है. यह भूमि आगरा-अलीगढ़ मार्ग पर स्थित दुग्ध उत्पादन सहकारी संघ लिमिटेड, सासनी के परिसर में से ली जाएगी और इसे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सौंपा जाएगा.
महत्वपूर्ण सड़क और परिवहन फैसले:
यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के क्रॉसिंग (ग्राम जगनपुर-अफजलपुर) पर इंटरचेंज निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. अब इस इंटरचेंज का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) करेगा, जिससे दिल्ली और आगरा की ओर जाने वाले यात्रियों को सुविधा मिलेगी.
वित्त और प्रशासनिक सुधार:
राज्य की सहकारी समितियों और पंचायत लेखा परीक्षा सेवा नियमावली को नए सिरे से तैयार किया गया है. कैबिनेट ने ‘उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा सेवा नियमावली 2025 (संशोधित)’ को मंजूरी दी है. इस बदलाव से वित्तीय प्रबंधन और पारदर्शिता को मजबूती मिलेगी.
योगी सरकार की यह कैबिनेट बैठक प्रदेश में स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून व्यवस्था और आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में अहम मानी जा रही है. विशेष रूप से अयोध्या और हाथरस जैसे जिलों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से बड़ा लाभ मिलेगा.