उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UP Expressways Industrial Development Authority) इस लिंक एक्सप्रेसवे को झांसी के डिफेंस कॉरिडोर और बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Bundelkhand Industrial Development Authority) से जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है. इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार 124 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर रही है. इसमें से 115 हेक्टेयर से अधिक जमीन खरीदी जा चुकी है.
इस लिंक के जरिए जालौन की उरई तहसील के फूलपुरा, टिगरी, गोरन, जैसारी कला, किशोरा, कोटरा, हिलगना, नंधा समेत नौ गांव जुड़ेंगे. सर्किल रेट 2400 रुपये प्रति वर्गमीटर है. फिलहाल डकोर ब्लॉक क्षेत्र में इसका चार गुना मुआवजा भी अधिग्रहण के लिए किसानों को दिया जाएगा. इससे उन्हें आर्थिक राहत मिलेगी. जमीन अधिग्रहण पर करीब 228 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. कुछ राशि की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है.
50 हजार से अधिक आबादी को होगा फायदा
इस लिंक एक्सप्रेसवे के बनने से इन नौ गांवों की 50 हजार से अधिक आबादी को फायदा मिलेगा. सर्वे का काम ध्रुव कंसल्टेंसी सर्विस लिमिटेड को सौंपा गया है. इसने बंदोबस्ती नक्शे भी प्राप्त कर लिए हैं. एक महीने में सर्वे पूरा कर रूट की अंतिम रूपरेखा तैयार की जाएगी. लिंक एक्सप्रेस भी की अनुमानित लागत 1300 करोड रुपए है. भविष्य में इसे 6 लेन तक विस्तार देने की योजना है.
झांसी ललितपुर ओरछा और मध्य प्रदेश के कई जिलों को इस एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना बनाई गई है. इसमें दिल्ली, लखनऊ और आगरा का सफर आसान हो जाएगा. जहां इस योजना से लोगों को आवागमन की बड़ी सुविधा मिलेगी तो वहीं स्थानीय लोगों में यह चिंता भी है कि कहीं इस सड़क को टोल मार्ग ना बना दिया जाए. यदि टोल टैक्स जोड़ा गया तो आम आदमी की जेब पर असर पड़ेगा.
बुंदेलखंड के लिए बनेगा आर्थिक विकास का आधार
एडीएम जालौन संजय कुमार ने बताया कि योजना को तेजी से क्रियान्वित किया जा रहा है. बंदोबस्ती नक्शे मिल चुके हैं. अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. यह एक्सप्रेसवे पूरे बुंदेलखंड के लिए आर्थिक विकास का आधार बनेगा और डिफेंस कॉरिडोर से जोड़कर इसे राष्ट्रीय महत्व की सड़क के रूप में विकसित किया जाएगा.