(www.arya-tv.com)मध्यप्रदेश में ग्वालियर-चंबल संभाग में बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैंं। पार्वती, कूनाे, सिंध समेत कई नदियां उफान पर है। सिंध नदी पर मड़ीखेड़ा डैम लबालब भरने पर सभी 10 गेट खोल दिए गए हैं। सोमवार रात को ही इसके 8 गेट खोल दिए गए थे, इसकी वजह से सुबह शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड और दतिया जिले में कई गांव पानी में डूब गए। लोगों को बचाने के लिए SDRF, NDERF, एयरफोर्स के बाद अब सेना को बुला लिया गया है।
मंगलवार की दोपहर को बचे 2 गेट और खोल दिए गए। भारी मात्रा में पानी आने से सिंध नदी किनारा तोड़कर बह रही है। बाढ़ में दतिया के रतनगढ़ माता मंदिर जाने वाला पुल और लांच-पिछोर को जोड़ने वाला पुल टूटकर बह गया। सेंवढ़ा में भी पुल पर पानी ओवरफ्लो होने की स्थिति में पहुंच गया है। डैम के गेट खोले जाने के कारण आसपास के गांवों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।ग्वालियर में हरसी बांध से सोमवार देर रात 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस कारण भितरवार में सिंध और पार्वती नदी उफान पर आ गई है। प्रशासन ने मंगलवार सुबह शिवपुरी की सीमा से लगे खिरिया गांव को खाली करा लिया है। साथ ही यहां 10 से 12 गांव में अलर्ट जारी किया है।
बाढ़ से हाहाकार के बाद सेना को कमान
शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, भिंड और ग्वालियर में 1171 गांव बाढ़ में घिरे हुए हैं। यहां रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वायुसेना की मदद ली जा रही थी, लेकिन दिनभर खराब मौसम ने बचाव कार्य में बाधा पैदा की। शाम को कुछ इलाकों में वायु सेना के हेलीकॉप्टर पहुंचे और लोगों को सुरक्षित निकाला। बाढ़ का पानी आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे (एबी रोड एनएच-3) पर भर गया है। इसकी वजह से हाईवे बंद हो गया है।मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी और श्योपुर के लिए मंगलवार को सेना की एक-एक टुकड़ी रवाना कर दी गई है। सेना की यह टुकड़ियां उप्र के झांसी और बबीना से भेजी गई हैं। हर टुकड़ी में 80 जवान शामिल हैं। इसके साथ ही NDRF की 2 टीमें लखनऊ और बनारस से भेजी जा रही है। इससे पहले, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा कर सेना की मदद के लिए अनुरोध किया था।
