सुप्रीम फैसले से नाखुस ओवैसी, कहा 5 एकड़ जमीन की खैरात नहीं चाहिए

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लखनऊ। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असहमति जताते हुए नाराजगी व्यक्त की है। ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम है लेकिन अचूक नहीं है। ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसला पर रिव्यू का हमें हक है। उन्होंने कहा कि पहले मस्जिद को गिराया गया अब उसकी जगह पर दूसरी जगह जमीन देने की बात की जा रही है।

ओवैसी ने कहा कि मैं इससे सहमत नहीं हूं। उन्होंने कहा कि जेएस वर्मा ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम है लेकिन अचूक नहीं है। ओवैसी ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि तथ्य की जगह आस्था को कोर्ट ने सही माना। तथ्यों की जगह आस्था की जीत हुई है।

जिन्होंने बाबरी मस्जिद को शहीद किया उनको ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर बनवाएं। अयोध्या पर फैसले से अससुद्दीन ओवैसी ने असहमति जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने जो 5 एकड़ जमीन देने का फैसला दिया है। हम उस पर उन्होंने कहा कि हम जमीनी राइट के लिए लड़ रहे थे। हिंदुस्तान का मुसलमान इतना गिरा गुजरा नहीं है कि 5 एकड़ जमीन खैरात में ले। अगर मैं खुद हैदराबाद की जमीन पर उतरकर चंदा मांगू तो इतना पैसा मिल जाएगा कि हम उत्तर प्रदेश में 5 एकड़ जमीन खरीद सकते हैं। हमें 5 एकड़ जमीन के फैसले को रिजेक्ट करना चाहिए।

आरएसएस बीजेपी पर बोला हमला
मुल्क हिंदु राष्ट्र के रास्ते पर जा रहा है। इसी की नींव तैयार की जा रही है। एनआरसी बिल, राम मंदिर को बीजेपी इसके लिए इस्तेमाल करेगी। मेरी एक एक बात सच साबित होगी।

पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि फैसले से पूर्णत: सहमति नहीं है। सरियत के हिसाब से वहां मस्जिद थी। हम अपनी आने वाली पुस्तों को बताकर जाएंगे कि 500 साल तक यहां मस्जिद थी। 6 दिसंबर 1992 को मस्जिद को शहीद किया गया था। इसलिए मैं कह रहा हूं कि मैं मस्जिद की जमीन का सौदा नहीं कर सकता।

मुझे डर इस बात का है कि ऐसे कई स्थान है जहां संघ परिवार कह रहा है कि कभी वहां हमारा मंदिर था। कल संघ परिवार के लोग काशी मथुरा टीले वाली मस्जिद।