सावधान! Whatsapp पर आया यह वीडियो हैक कर रहा है आपकी निजी जानकारी

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सभी लोग आज के समय में मैसेजिंग के साथ फोटो और वीडियो शेयरिंग के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं। हाल ही एक रिपोर्ट सामने आई है, जिससे जानकारी मिली है कि हैकर्स पेगासस जैसे स्पाईवेयर के जरिए एमपी 4 वीडियो भेजकर लोगों के व्हाट्सएप हैक कर रहे हैं।

वीडियो के जरिए डाटा करते है हैक
दरअसल, हैकर्स लोगों को अपना निशाना बनाने के लिए उनके व्हाट्सएप पर अग्यात नंबर से मैलवेयर (वायरल) वाली एमपी4 वीडियो (MP4 Videos) फाइल भेजते हैं। इस तरह की वीडियोज को डाउनलोड करने से यूजर्स का निजी डाटा हैक हो जाता है। वहीं, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) को इस खतरे की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत इस वायरस को ‘High Severity’ की कैटेगरी में डाल दिया था।

वीडियो के जरिए हैक हो सकती है जानकारी
इस्रायल की जासूसी कंपनी एनएसओ ने पेगासस स्पाइवेयर के जरिए लाखों व्हाट्सएप यूजर्स की जानकारी हैक की थी। इस मामले पर फेसबुक ने कहा था कि बफर ऑवरफ्लो होने की वजह से व्हाट्सएप को एमपी 4 फॉर्मेट वाले वीडियो से डाटा चोरी किया जा सकता है। वहीं, सीईआरटी को भी पेगासस अटैक के समय वीडियो से हैकिंग की जानकारी मिली थी।

एंड्रॉयड से लेकर विंडो तक हो सकते है हैक
रिपोर्ट के मुताबिक, इस तकनीकी खामी का फायदा उठाते हुए हैकर्स डॉस, एंड्रॉयड, आईओएस और विंडो के प्लेटफॉर्म को आसानी से हैक कर पाते हैं। इसके साथ ही साइबर अटैकर्स अंजान नंबर से यूजर्स के व्हाट्सएप पर वायरस से ग्रसित वीडियो भेजकर डिवाइस में मैलवेयर वाले प्रोग्राम या एप्स इंस्टॉल कर देते हैं। हालांकि, व्हाट्सएप ने इस समस्या को ठीक करने के लिए नया सिक्योिटी पैच जारी किया है। फिलहाल सोशल मीडिया कंपनी ने इस हैकिंग से जुड़ी अधिक जानकारी साझा नहीं की है।

व्हाट्सएप ने ठोका एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा
व्हाट्सएप (Whatsapp) ने इस्रायल की जासूसी कंपनी एनएसओ ग्रुप (NSO) पर भारतीय पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी का आरोप लगाया था। व्हाट्सएप ने हैकिंग की पुष्टि करते हुए इस्रायल की जासूसी कंपनी पर मुकदमा भी ठोका था।

पेगासस सॉफ्टवेयर
एनएसओ ने इस सॉफ्टवेयर को खास तकनीक से तैयार किया है। कंपनी इस सिस्टम के जरिए किसी भी एंड्रॉयड, आईओएस और ब्लैकबैरी के ऑपरेटिंग सिस्टम को आसानी से हैक कर सकती है।

ऐसे करता है यह सिस्टम काम
ऑपरेटर यूजर के डिवाइस को हैक करने के लिए एक विशेष लिंक पर टैप करने को मजबूर करता है। ऐसा करने से ऑपरेटर को सुरक्षा कवच तोड़ने का पूरा मौका मिलता है। इसके बाद Pegasus सिस्टम इंस्टाल किया जाता है।
अब ऑपरेटर आसानी से यूजर के निजी डाटा को निकाल सकता है। इतना ही नहीं ऑपरेटर फोन हैक करने के बाद कैमरा से टारगेटेड यूजर की फोटो क्लिक कर सकेगा। इसके अलावा एक कॉल के जरिए भी फोन को हैक किया जा सकता है। आपको बता दें कि एनएसओ ने अमेरिका और कैलिफोर्निया के नियमों का उल्लघंन किया था।