सारे दरवाजे बंद होने के बाद निर्भया के दोषी मुकेश ने फिर खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

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निर्भया के दोषी मुकेश के लिए फांसी से बचाव के सारे रास्ते बंद हो जाने के बाद अब उसने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। मुकेश ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका ठुकराए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

यह बात मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर ने बताई है। गौरतलब है कि मौत की सजा पाए दोषी के लिए बचने का यह अंतिम रास्ता होता है। जब राष्ट्रपति किसी की दया याचिका खारिज कर दे तो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।

यह चुनौती दोषी को दया याचिका खारिज होने के 14 दिन के अंदर करनी होती है। अगर यह याचिका भी खारिज हो जाती है तो फिर मुकेश के पास सभी कानूनी विकल्प पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे और नियत तारीख को उसे फांसी हो सकती है।

यह फांसी उसी हालत में रुकेगी जब अन्य तीन दोषियों का कोई केस लंबित हो और फांसी की तारीख तक उस पर फैसला न आ सके। तब फांसी की एक नई तारीख घोषित की जा सकती है। हालांकि अभी कुछ तय नहीं है और आने वाला वक्त ही बताएगा कि कोर्ट क्या फैसला लेता और 1 फरवरी को सुबह छह बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी होगी या नहीं।

तिहाड़ में चल रही है फांसी की तैयारी
बता दें कि तिहाड़ में इन दिनों फांसी की तैयारी जोरों पर है। दोषियों के परिवार को जेल प्रशासन ने जानकारी भेज दी है कि इन लोगों को फांसी 1 फरवरी को होगी और परिवार अगर चाहे तो उनसे आगे मिल ले।

तिहाड़ ने दोषियों ने उनकी आखिरी इच्छा या वसीयतनामा बनाने के लिए भी पूछा है। जानकारी पाकर मुकेश का परिवार उससे तिहाड़ मिलने आ चुका है। वहीं अन्य दोषियों के परिवार के जल्द आने की संभावना है। कहा जा रहा है कि 30 जनवरी को जल्लाद पवन तिहाड़ पहुंच जाएगा और फिर वह सारी प्रक्रियाएं पूरी करेगा। वह देश का पहला ऐसा जल्लाद बन जाएगा जो चार दोषियों को एक साथ फांसी देगा।