टीम इंडिया के तेज गेंदबाज इरफान पठान ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। इसके बाद उन्होंने अपने करियर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान ने रविवार को कहा कि उनका स्विंग पर हमेशा पूर्व की तरह अधिकार बना रहा। उन्होंने कहा कि उनके प्रदर्शन में गिरावट के लिए तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल को दोष देना चीजों को मुद्दों से भटकाना मात्र था। पठान ने कहा था कि अधिकतर खिलाड़ी भारतीय टीम के साथ अपना करियर 27-28 साल में शुरू करते हैं, लेकिन उन्होंने इस उम्र में अपना आखिरी मैच खेल लिया था। पठान तब 27 साल के थे जब उन्होंने 2012 में अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला था। ऐसा भी समय था जबकि बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज के सभी तीनों फॉर्मेट में खेलने को लेकर भी सवाल उठाए गए।
पठान ने कहा कि इस तरह की सभी बातें लोगों का ग्रेग चैपल को लेकर करना, ये सब चीजों को मुद्दों से भटकाना के लिए था। इस तरह की बातें भी सामने आईं कि इरफान दिलचस्पी नहीं दिखा रहा। उन्होंने एक आभामंडल तैयार कर दिया कि इरफान का स्विंग पर पहले जैसा अधिकार नहीं रहा, लेकिन लोगों को यह समझने की जरूरत है कि पूरे मैच में आपको वैसी स्विंग नहीं मिलेगी, जैसी पहले 10 ओवरों में मिलती है। मैं अब भी गेंद को स्विंग कराने में सक्षम हूं।
इरफान ने कहा कि लोग मेरे प्रदर्शन को लेकर बात करते हैं, लेकिन मेरा काम अलग तरह का था। मुझे रनों पर अंकुश लगाने का काम सौंपा गया था, क्योंकि मैं पहले बदलाव के रूप में आता था। मुझे याद है कि श्रीलंका में 2008 में मैच जीतने के बाद मुझे बाहर कर दिया गया था। देश के लिए मैच जीतने के बाद बिना किसी वजह के किसी को बाहर किया जाता है?
कई पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि पठान लंबी अवधि तक खेल सकते थे, लेकिन चोट के कारण भी वह अपनी असली काबिलियत का खुलकर प्रदर्शन नहीं कर पाए। आईपीएल 2008 के बाद पठान के सभी तीनों फॉर्मेट में खेलने की इच्छा पर सवाल उठाए गए, लेकिन इस ऑलराउंडर ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं थी।
उन्होंने कहा कि हां, मैं हमेशा तीनों फॉर्मेट में खेलना चाहता था। मैं 2009-10 में पीठ दर्द से परेशान रहा। मुझे कई तरह के स्कैन कराने पड़े, जो कि आपके शरीर के लिए सही नहीं होते लेकिन मैंने ऐसा इसलिए किया ताकि पता चल सके कि मेरे पीठ दर्द की वास्तविक वजह क्या है।
पठान ने कहा कि दुर्भाग्य से तब हमारे पास वैसी मशीनें नहीं थीं जिससे स्पष्ट पता चल पाता कि मेरी पीठ दर्द का क्या कारण है। मैं दो साल तक पीठ दर्द से जूझता रहा और स्थिति बिगड़ती रही, लेकिन मैंने रणजी ट्रॉफी में खेलना नहीं छोड़ा। पठान ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपनी तरफ से पूरे प्रयास किए।
