शादी का ख्वाब हर किसी के मन में होता है। लड़का हो या लड़की शादी को लेकर दोनों के दिमाग में उथल पुथल मची रहती है। दोनों यही चाहते हैं कि उनका जीवनसाथी ठीक वैसा हो जैसा उन्होंने सोचा है। इतना ही नहीं लड़कियों के मन में अपने साथी को लेकर कई उटपटांग सवाल भी आते हैं।
मेरी पहचान न खो जाए
शादी होने से पहले अक्सर लड़कियों के दिमाग में यह बात घूमती रहती है कि कहीं बंधन में बंधने के बाद उनकी पहचान न खो जाए। सबसे पहले तो आप इस बात को अपने दिल से एकदम निकाल दें कि आपकी पहचान आपसे छीन ली जाएगी, बल्कि शादी आपको कई नए रिश्ते, नाम और पहचान दिलाएगा। अगर आपके घरवाले यानी मायके में लोग निकनेम से बुलाते हैं पर ससुराल वाले नहीं तो बिल्कुल ना उदास हों।
अगर नाराज हो गया तो कैसे मनाऊंगी
प्यार के रिश्ते में हंसी-मजाक और नोकझोंक तो आम बात होती है। लेकिन कभी-कभी यही हंसी-मजाक भारी पड़ जाती है और वो नाराज हो जाते हैं। अब नाराज आपसे हुए हैं तो मनाना भी आपको ही पड़ेगा। ‘रूठे-रूठे पिया मनाऊं कैसे…’ अच्छाजी मैं हारी चलो मान जाओ ना…’ ‘देखो रूठा ना करो, बात नज़रों की सुनो…’ जैसे कुछ एवरग्रीन बॉलीवुड गाने यहां आपकी मदद करेंगे।
कहीं मम्मी से मेरी शिकायत न कर दे
लड़कियों को अपनी रेप्युटेशन सबसे ज्यादा प्यारी होती है। खासकर शादी के बाद ससुराल में वो चाहती हैं कि हर कोई उनकी तारीफ करे।ऐसे में मम्मी से अपनी शिकायत को लेकर वो सबसे ज्यादा डरती हैं और यह बात सब लड़कों को पता होती है, तभी तो शादी के बाद ज्यादातर पति यही धमकी देते हैं कि मम्मीजी को बता दूं…
क्या मुझे अपना ब्लैंकेट शेयर करना पड़ेगा?
कई लड़कियां ऐसी होती हैं जो अपने सामान को लेकर बहुत पजेसिव रहती हैं। कोई और अगर उनके चीजों का इस्तेमाल कर ले तो हंगामा कर देती हैं। लेकिन शादी तय हो जाने के बाद उनके दिमाग में एक ही सवाल घूमने लगता है कि क्या उन्हें अपने सामान को शेयर करना पड़ेगा ? लेकिन जरूरी नहीं कि शादी के बाद आपको हर जगह एडजस्टमेंट्स करने पड़ें।
मेरे नखरे उठा पाएगा
वैसे तो लड़कियां स्वभाव से नखरीली होती हैं लेकिन वो सभी से नखरे नहीं करती हैं। उन्हें अच्छी तरह पता होता है कि कौन उनके नखरे बर्दाश्त कर सकता है और कौन नहीं। वहीं बात जब शादी की आती है तो उनके दिमाग में एक ही सवाल आता है कि क्या ये (भावी पति) मेरे नखरे उठा पाएगा? इसका बात का पता लगाने के लिए वो कभी-कभी अटपटी हरकतें भी करती हैं, जैसे- अपनी सहूलियत की जगह और समय के मुताबिक लड़के को मिलने बुलाना, जिद करके कुछ खरीदवाना, खाने-पीने में जिद करना आदि।
