विश्व के हम जनक है जंग नहीं होने देंगे :डॉ जगदीश गांधी

Lucknow UP

लखनऊ।(www.arya-tv.com) ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ एस ऐसी विचारधारा है, सिर्फ अपने देश में ही नहीं अपितु विश्व के सम्पूर्ण देशों की एकता, शान्ति व समृद्धि की कामना करता है। वास्तव में, यही वो विचार है जिसकी दुनिया को आज सवसे अधिक आवश्यकता है क्योंकि इसी विचाारधारा में विश्व की समस्त् समस्याओं का समाधान निहित है। यह विचार हैं सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक एवं प्रख्याात विक्षाविद डॉ जगदीश गांधी के, जो आज यहां सी एम एस गोमती नगर आॅडिटारियम में आयोजित एक प्रेस कॉन्फेन्स को सम्बोधित कर रहे थे। यह पत्रकार वार्ता विश्व में बढ़ती अशान्ति व तानव की परिस्थितियों के संदर्भ में आयोजित की गई थी, जिसके माध्यम से डॉ जगदीश गांधी ने सभी विश्व नागरिकों का जोरदार आह्वान किया कि वे आगे आकर विश्व एकता, विश्व शा​न्ति एवं वसुधैव कुटुम्बकम के विचारों को सारे विश्व में प्रचारित—प्रवाहित करें।

प्रेस कान्फेंंस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए डॉ. गांधी ने आगे कहा कि ‘व​सुधैव कुटुम्बकम’ की यही विचाारधारा हमारे संविधान, खासकर भारतीय संविधाान का अनुच्छेद 51 वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को अक्षरश: चरितार्थ करता है और आज जरूरत है कि इस भावना को विश्व के कौने—कौने तक प्रचारित—प्रवाहित किया जाये। डॉ. जगदीश गांधी ने जोर देते हुए कहा कि विश्व की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए विश्व संसद, विश्व सरकार एवं प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था का गठन अब अनिवार्य आवश्यकता है और यही विश्व एकता व विश्व शान्ति का एकमात्र विकल्प भी है।

डॉ. गांधी ने आगे कहा कि दुनिया में एकता व शान्ति स्थापना हेतु यह सर्वश्रेष्ठ समय है। अभी नहीं तो कभी नहीं। अपनी बात को स्पष्ट करते हुए डॉ. गांधी ने कहा विश्व व्यवस्था में आज चारों तरफ अशान्ति व अराजकता का वातावरण है, खासकर, अमेरिका व ईरान के बीच की ननातनी से तृृतीय विश्व की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में अमेरिका व भारत जैसे विशाल लोकतान्त्रिक देशों के राष्ट्रप्रमुखों का कर्तव्य है कि वे विश्व मानवता के हित में अविलम्ब सभी प्रभुसत्ता सम्पन्न् राष्ट्रों की बैठक कुलाकर एक वैश्विक लोकतंत्र विश्व संसद की स्थापना का मार्ग प्रशस्त् करें।

डॉ. गांधी ने आगे कहा कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल विश्व का अकेला ऐसा विद्यालय है जो अपने यहां अध्ययनरत लगभग  5700 छात्रों को सर्वोत्कृष्ट विक्षा प्रदापन करने के साथ ही उन्हें उच्च जीवन मूल्य प्रदान कर मानवता की सेवा करनले वाला एव आदर्श विश्व नागरिक बनाता है, साथ ही संसार के ढाई अरब बच्चों की शान्ति सुरक्षा के लिए भी सतत् प्रयासरत है। सी. एम. एस. के इन प्रयासों को पूरी दुनिया में सराहा गया है। डॉ. गांधी ने कहा कि सी एम एस का मकसद सिर्फ एक है और वह यह वर्तमान एवं भावी पीढ़ी सुरक्षित व सुखमय विश्व व्यवस्था मेंसांस ले सके और यह कार्य विश्व संसद, विश्व सरकार एवं प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था से ही संभव है।

सी. एम. एस. के मुख्य जन—संपर्क कधिकारी ने बाया श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि भावी पीढ़ी के हित में सी. एम. एस. अपनी स्थापना के समय से ही विश्व एकता व विश्व शान्ति हेतु लगातार प्रयासरत है और सी एम एवस के सभी 57000 छात्र, विगत 20 वर्षों से लगातार अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश का आयोजन लखनऊ में किया जा रहा है, जिसमें अब तक 136 देशों के 1299 मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश तथा शासनाध्यक्ष प्रतिभाग कर चुके हैं तथापि विश्व की न्यायिक बिरादरी ने सी एम एस के विश्व एकता, विश्व शान्ति व विश्व के ढाठ्र अरब बच्चों के सुरक्षित भाविष्य की मुहिम को भारी समर्थन किया है।