लखनऊ में पहली बार कोर्ट लाया गया शव, कानून व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल

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राजधानी लखनऊ में एक के बाद एक खौफनाक वारदात के बाद मंगलवार रात शहर के कृष्णानगर में एक वकील की नृशंस हत्या से प्रदेश की कानून व्यवस्था फिर सवालों के घेरे में आ गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी शिशिर त्रिपाठी की हत्या पर ट्वीट कर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा।

उन्होंने ट्वीट किया कि सोराँव के विजयशंकर तिवारी और शामली के अजय पाठक की हत्या के बाद अब लखनऊ में अधिवक्ता शिशिर त्रिपाठी की नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई। क्या प्रदेश पूरी तरह से अपराधियों के हाथ में है? भाजपा सरकार कानून व्यवस्था के बारे में पूरी तरह फेल है।
हालांकि, पुलिस का कहना है कि शिशिर की हत्या आपसी रंजिश के कारण की गई है। मामले में प्रमुख आरोपी मोनू तिवारी व विनायक ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि अन्य की तलाश जारी है।
इस हत्याकांड पर सेंट्रल बार एसोशिएसन ने नाराजगी जाहिर की और कानून व्यवस्था को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पोस्टमार्टम के बाद एसोसिएशन के सदस्य शिशिर के शव को लेकर कोटरूम पहुंचे और नारेबाजी की। लखनऊ में यह पहला मौका है जब एक वकील के शव को कोर्टरूम लाया गया।
मामले में इंस्पेक्टर कृष्णानगर प्रदीप कुमार सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। उनकी जगह निरीक्षक अपराध राम कुमार को कृष्णानगर थाने का कार्यवाहक प्रभारी निरीक्षक नियुक्त किया गया है।
जानकारी पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी कलेक्ट्रेट पहुंचे और शिशिर की हत्या पर शोक व्यक्त किया।
अधिवक्ता शिशिर त्रिपाठी की हत्या पर सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ ने जिलाधिकारी लखनऊ के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजा जिसमें एसोसिएशन ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी करने के साथ ही परिवार के लिए सहायता की मांग की।
एसोसिएशन ने कहा कि अधिवक्ता के परिजनों को एक करोड़ रुपये सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए और एस ओ कृष्णा नगर को तत्काल निलंबित किया जाए। जिसके तत्काल बाद इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया।