30 जुलाई 1963 को जन्मीं मंदाकिनी का जन्म यूपी के मेरठ में हुआ था। मंदाकिनी से सबसे ज्यादा पॉपुलरिटी फिल्म फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ से पाई लेकिन इसमें उनके साथ राजीव कपूर का करियर उतना बढ़ नहीं पाया। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी लेकिन इस फिल्म की वजह से राजीव कपूर और उनके पिता के बीच कड़वाहट आ गई थी।

मधु जैन की किताब ‘द कपूर्स’ के मुताबिक, राज कपूर ने अपने सबसे छोटे बेटे राजीव कपूर को ‘राम तेरी गंगा मैली’ फिल्म से लांच किया। फिल्म तो हिट रही लेकिन राजीव कपूर की वजह से नहीं बल्कि झरने के नीचे नहाती हुई मंदाकिनी की वजह से।
जहां एक ओर फिल्म चर्चित होती जा रही थी वहीं इस फिल्म के हीरो राजीव कपूर की अपने पिता से नाराजगी बढ़ती जा रही थी। इस फिल्म के बाद राजीव कपूर और राज कपूर में अनबन की नौबत तक बन गई। ‘राम तेरी गंगा मैली’ सिर्फ राज कपूर और मंदाकिनी के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई। राजीव कपूर को इस फिल्म के हिट होने का कोई फायदा नहीं मिला।
एक फिल्म के बाद से ही मंदाकिनी रातों-रात स्टार बन गईं लेकिन राजीव कपूर वहीं के वहीं रह गए। राजीव कपूर का मानना था इसके लिए राज कपूर जिम्मेदार हैं। दरअसल राजीव कपूर चाहते थे कि राज कपूर ‘राम तेरी गंगा मैली’ के बाद उनके लिए एक और फिल्म बनाएं। वो उन्हें उस फिल्म में एक नायक की तरह प्रोजेक्ट करें ताकि स्टार होने का जो फायदा मंदाकिनी को मिला था वो अब उन्हें इस फिल्म में मिले।
राजीव कपूर के चाहने के बावजूद राज कपूर ने ऐसा नहीं किया और राजीव को राज कपूर ने एक असिस्टेंट के तौर पर रखा। वो उनसे यूनिट का वह सारा काम कराते जो एक स्पॉटब्वॉय और असिस्टेंट करता था। ‘राम तेरी गंगा मैली’ के बाद राजीव कपूर ‘लवर ब्वॉय’, ‘अंगारे’, ‘जलजला’, ‘शुक्रिया’, ‘हम तो चले परदेस’ जैसी फिल्मों में दिखे तो पर उनकी फिल्में चली नहीं। ये फिल्में आरके बैनर की नहीं थीं।