क्या आप ऐसी कल्पना कर सकते हैं कि पूरा का पूरा गांव ही करोड़ों का मालिक हो, गांव के हर व्यक्ति के खाते में करोड़ों रुपये जमा हो? जी हां, बहुत दूर जाने की या सोचने की जरूरत नहीं है। यह गांव हमारे पड़ोस में ही है!
आइए जानते हैं इस गांव की रईसी के बारे में:
गांव कहते ही हमारे मन में एक तस्वीर उभरती है, जिसमें कच्ची सड़कें, बिजली-पानी की पर्याप्त सुविधा नहीं, झोपड़ी वगैरह यानी कि कम संसाधनों से गुजर-बसर होती जिंदगी दिखती है। इस गांव के बारे में ऐसा नहीं है। यहां के लोग काफी शान-ओ-शौकत से अपनी जिंदगी गुजारते हैं। इस गांव के हर शख्स के खाते में औसतन 1.50 करोड़ रुपये से भी ज्यादा राशि है।
आज हम आपको ऐसे ही एक गांव के बारे में बताएंगे, जहां आपको रईसी के कई आयाम दिखेंगे। इस गांव में शहरों जैसी सारी सुविधाएं मौजूद हैं। यह गांव हमारे पड़ोसी देश चीन के जियांगसू प्रांत में है। यूं तो इसका नाम वाक्शी(Huaxi) है, दुनियाभर में इसे सुपर विलेज के नाम से जाना जाता है।
गांव में मिलने वाली यही सुविधाएं इसे शहरों से अलग बनाती हैं। इस गांव की आबादी करीब दो हजार लोगों की है। गांव के बीचों-बीच एक 72 मंजिला इमारत है जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
इसके अलावा हर परिवार को गांव में बसने पर अथॉरिटी की तरफ से कार और विला दिया गया है, लेकिन यदि आप गांव छोड़ते हैं तो ये सभी चीजें आपको वापस करनी होंगी। इतना ही नहीं यहां के हर नागरिक के पास आलीशान घर और चमचमाती गाड़ियां हैं। इस गांव को करोड़ों डॉलर की कंपनियों का गढ़ माना जाता है जिसमें स्टील और शिपिंग जैसी मुख्य कंपनियां शामिल हैं।
बताया जाता है कि गांव के ज्यादातर घर एक जैसे हैं आैर बाहर से देखने में यह घर किसी होटल की तरह नजर आते हैं। गांव में टैक्सी और थीम पार्क मौजूद हैं। यहां की सड़कें रोशनी से चमकती रहती हैं। सबसे खास बात है इस गांव के लोग कहीं आने-जाने के लिए हेलिकॉप्टर से भी सफर करते हैं।
दुनिया का यह पहला ऐसा गांव है जो पूरी तरह से मॉडल और सोशलिस्ट है। इस गांव को 1960 में वू रेनबाओ नाम के एक प्रसिद्ध नेता ने बसाया था। आज बेशक यह गांव काफी अमीर है लेकिन अतीत में यहां के निवासी काफी गरीब हुआ करते थे। गांव को तरक्की और कामयाबी के शिखर पर पहुंचाने का श्रेय कम्युनिस्ट पार्टी के स्थानीय सचिव वू रेनाबो को जाता है। रेनाबो ने कंपनी का गठन करके सामूहिक खेती को बढ़ावा दिया था।
वू रेनबाओ ने वहां के लोगों को अच्छा रोजगार देने के लिए फर्टिलाइज़र स्प्रे कैन की फैक्ट्री लगाई थी। इस फैक्ट्री के लगने बाद बहुत से बेरोजगारों की आर्थिक स्थिति समृद्ध हो गई। वू रेनबाओ को फर्टिलाइज़र स्प्रे कैन की फैक्ट्री से बहुत मुनाफा हुआ। मुनाफे के पैसों को उन्होंने गांव के सुख-सुविधा में लगा दिया था, जिससे गांव की खूबसूरती में चार चांद लग गया।
इस गांव के अंदर अमेरिका का स्टेच्यू ऑफ़ लिबर्टी, ऑस्ट्रेलिया का फेमस ऑपरा हाउस, बनाया गया है। जिसे गांव बेहद सुंदर और आकर्षक नजर आता है।यहां के लोगों को सारी सुविधाएं तभी तक दी जाती है जबतक वो इस गांव में रहते हैं। अगर वो इस गांव को छोड़ दूसरे गांव जाना चाहते हैं। तो उन्हें सारी संपत्ति छोड़कर जानी पड़ती है।
