जम्मू कश्मीर में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। श्रीनगर के कुछ हिस्सों को छोड़कर कश्मीर के अधिकांश इलाकों से प्रतिबंधों को हटा लिया गया है। एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिबंधों में लगातार कमी की जा रही है। लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुहर्रम के जुलूस पर प्रतिबंध को जारी रखा गया है।
अराजकतत्व जुमे की नमाज के दरमियान अक्सर माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं इसको देखते हुए हर शुक्रवार को घाटी के संवेदनशील इलाकों में प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं। पिछले एक महीने से घाटी में किसी भी प्रमुख मस्जिद में शुक्रवार की नमाज की अदा करने की अनुमति नहीं दी गई है।
घाटी में सरकारी कार्यालय खुले हैं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन की कमी के कारण कई कार्यालयों में उपस्थिति संतोषजनक नहीं देखने को मिली। अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि जिला मुख्यालयों में सामान्य उपस्थिति दर्ज की गई।
घाटी में लैंडलाइन टेलीफोन सेवाओं को बहाल कर दिया गया है लेकिन 5 अगस्त से मोबाइल टेलीफोनी और इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। अधिकांश मुख्यधारा और अलगाववादी नेताओं को नजरबंद रखा गया है। जबकि तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित मुख्यधारा के नेताओं को भी नजरबंद रखा गया है।