दक्षिण भारत में कई दिनों से खतरा बनकर बैठा चक्रवाती तूफान ‘महा’ अब इतना खतरनाक नहीं रहा, लेकिन अब एक दूसरा खतरा खड़ा हो गया है। दरअसल, बंगाल की खाड़ी में एक और तूफान बन रहा है, जिसे वैज्ञानिकों ने बुलबुल का नाम दिया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है ऐसा पहली बार है जब एक के बाद एक लगातार तीन तूफान बने हों। क्योंकि ‘महा’ से पांच दिन पहले ही चक्रवाती तूफान ‘क्यार’ खत्म हुआ था।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि बुलबुल पिछले 11 महीने में सातवां तूफान है। उन्होंने कहा कि 129 साल में ऐसा तीसरी बार है जब एक दशक में 99 तूफान बने हैं। इससे पहले 1970 से 1979 के दशक में 110 और 1960 से 1969 के दशक में 99 तूफान बने थे। सूचना है कि चक्रवाती तूफान लौटते हुए गुरुवार के दिन गुजरात के तट से टकराएगा, जिसकी वजह से राजकोट में बुधवार रात से ही बारिश शुरू हो चुकी है।
इसके अलावा ‘महा’ गुजरात के साथ-साथ मध्यप्रदेश के कुछ शहरों को भी प्रभावित कर सकता है। भोपाल में बूंदाबांदी समेत उज्जैन, इंदौर, होशंगाबाद, मालवा-निमाड़ इलाका, संभाग और सीहोर, श्योपुरकलां, मुरैना जिलों में बारिश आने की भी संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि इस तूफान के गुरुवार सुबह पूर्वोत्तर और उससे सटे मध्य पूर्वी अरब सागर में कमजोर होने की संभावना है। इसी दिन सुबह यह सौराष्ट्र तट के आसपास के इलाके को घेर सकता है।
भारत के चार राज्यों पर होगा असर
भारत के चार राज्यों- पश्चिमी तट पर दो और पूर्व में दो पर इन तूफानों का असर रहेगा। बुधवार को मौसम विभाग के अधिकारियों ने दोनों चक्रवातों के प्रभाव की जानकारी दी। जो भारतीय उपमहाद्वीप-अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के आसपास के दो समुद्रों में विकसित हो रहे हैं।
भारत मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, दो समुद्रों में चक्रवात महा और बुलबुल का बनना एक दुर्लभ समवर्ती घटना है। गुजरात और महाराष्ट्र में महा के कारण बारिश की संभावना है, जबकि विकासशील चक्रवात बुलबुल संभवतः बंगाल और ओडिशा को प्रभावित करेगा।
