महाराष्ट्र Live: अजित पवार और तुषार मेहता ने चिट्ठी सुप्रीम कोर्ट को सौंपी

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महाराष्ट्र संकट पर थोड़ी देर में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। इससे पहले रविवार को हुई सुनवाई में अदालत ने केंद्र, राज्य, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस को नोटिस जारी किया था। सोमवार को अदालत में राज्यपाल का सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अजित पवार का पूर्व एएसजी मनिंदर सिंह और देवेंद्र फडणवीस का मुकुल रोहतगी पक्ष रखेंगे। इसके अलावा सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए समर्खन में मिले पत्र को पेश करने के लिए कहा था।
– राज्यपाल को सौंपी गई समर्थन की चिठ्ठियों को पढ़ते हुए तुषार मेहता ने कहा कि अलग-अलग चिठ्ठियों में भाजपा के 105 और एनसीपी के 54 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। इसके अलावा निर्दलीय विधायकों के समर्थन वाली भी एक चिठ्ठी है।
– तुषार मेहता ने कहा कि सभी विधायकों के नाम लिस्ट में है। अजित पवार ने चिठ्ठी में लिखा है कि मैं ही विधानमंडल दल के नेता हूं।
– तुषार मेहता ने कहा कि राज्यपाल का काम समर्थन पत्र की जांच करना नहीं है, बल्कि उन्होंने उसी पर भाजपा और अजित पवार को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। इन चिठ्ठियों के मुताबिक फडणवीस को 170 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
– तुषार मेहता ने राज्यपाल को मराठी में लिखी गई समर्थन वाली चिट्ठी को अदालत में पेश किया। जिसपर अदालत ने कहा कि इसका अंग्रेजी अनुवाद कहां है? इसके बाद तुषार मेहता ने अंग्रेजी वाली चिट्ठी अदालत को सौंपी।
– तुषार मेहता ने विधायकों के समर्थन की चिट्ठी अदालत में पेश की। उन्होंने कहा कि इसी चिट्ठी के आधार पर राज्यपाल ने शपथ दिलाई।
– सभी के मना करने के बाद राज्यपाल ने फैसला लिया। क्या अनुच्छेद 32 की याचिका में राज्यपाल के आदेश को इस तरह से चुनौती दी जा सकती है या नहीं? राज्यपाल को पता था कि चुनाव पूर्व का एक गठबंधन जीता है।
– तुषार मेहता ने कहा कि विपक्ष ने आजतक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है।
– मेहता ने राज्यपाल के संवैधानिक शक्तियों का हवाला दिया। राज्यपाल ने कई दिनों तक इंतजार किया। उसके बाद उन्होंने भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। भाजपा के इनकार के बाद शिवसेना को सरकार बनाने के लिए बुलाया, लेकिन उसने भी इनकार करते हुए और समय मांगा। राज्यपाल ने तीसरी बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने को कहा, लेकिन उसने भी वही बात दोहराई। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
– तुषार मेहता ने दलील पेश करते हुए कहा कि राज्यपाल को शिवसेना और भाजपा के चुनाव पूर्व गठबंधन की जानकारी थी।
– सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्यपाल को मिली समर्थन की सभी चिठ्ठियां अदालत को सौंप दी है।