भारत पढ़ाई करने आया था ये खिलाड़ी और बन गया टीम इंडिया की जान

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टीम इंडिया के पूर्व बेहतरीन ऑलराउंडर और जबरदस्त फिल्डर रहे रॉबिन सिंह के लिए आज का दिन बेहद खास है। 14 सितंबर 1963 को जन्में रॉबिन शनिवार को अपना 56वां जन्मदिन मना रहे हैं। रॉबिन की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं। टीम में शामिल होने के लिए उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा।

रॉबिन सिंह का मूल नाम रवीन्द्र रामनारायण सिंह है। उनका जन्म वेस्टइंडीज के ट्रिनिडेड में हुआ था। भारतीय मूल के होते हुए उनके पुरखे पिछले 150 साल से वेस्टइंडीज में रह रहे थे। क्रिकेट की शुरुआत तो साल की उम्र में उन्होंने ट्रिनिडेड में ही की थी। वे वेस्ट इंडीज में स्कूल और क्लब लेवल पर क्रिकेट खेलते थे।
वेस्टइंडीज में एक बार इंडिया से हैदराबाद ब्लू नाम की क्रिकेट टीम टूर्नामेंट खेलने आई थी। तब रॉबिन सिंह ट्रिनिडेड की ओर से उस मैच में खेले थे। उनके बढ़िया प्रदर्शन को देखते हुए अकबर इब्राहिम नामक शख्स ने उन्हें भारत आने का न्यौता दिया था। रॉबिन 19 साल की उम्र में, 1982 वे मद्रास आए थे।
मद्रास में रॉबिन ने यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास में इकोनॉमिक्स की डिग्री ली। यह पढ़ाई करते-करते ही उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। इसके बाद वे चेन्नई के होकर ही रह गए। उन्होंने भारत में क्रिकेट खेलना तो शुरू कर दिया लेकिन उन्हें भारत की नागरिकता ही काफी देर से मिली। 1989 में जब उन्हें भारत की नागिरकता मिली, तभी उनका वेस्ट इंडीज टूर के लिए टीम इंडिया में चयन भी हो गया था।
रॉबिन सिंह उन चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्हें उनकी फील्डिंग स्किल्स के लिए भी जाना जाता हैं। 11 मार्च 1989 को इंडिया के लिए पहला मैच वेस्ट इंडीज के खिलाफ ही खेला था, लेकिन उस सीरीज में उन्हें सिर्फ दो मैचों में ही मौका मिला था।

जहां वे कोई प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर सके थे। फिर उन्हें वापसी करने में सात साल लग गए। 1996 में टाइटन कप में मौका मिला और फिर अगले पांच साल, 2001 तक वे लगातार टीम का हिस्सा रहे।