भारत और चीन के बीच चुशूल में सैन्य स्तर की 7वीं बातचीत 11 घंटे चली,

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(www.arya-tv.com)लद्दाख सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच सोमवार को हुई सैन्य स्तर की 7वें स्तर की बातचीत 11 घंटे चली। दोनों तरफ के अफसर भारतीय सीमा में स्थित चुशूल में मिले। बातचीत का मुख्य एजेंडा पूर्वी लद्दाख में टकराव वाली हर जगह सेना हटाने का था। शुक्रवार को चाइना स्टडी ग्रुप (सीएसजी), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने बातचीत की रणनीति को अंतिम रूप दिया था।

अफसरों के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच सीमा पर शांति कायम रखने और तनाव बढ़ने से रोकने को लेकर अगले कदम पर भी चर्चा हुई। साथ ही अगले 4 महीनों में ठंड के चलते लद्दाख इलाके में स्थितियां काफी विपरीत होंगी, लिहाजा इस दौरान कोई भड़काऊ कार्रवाई न हो।

सितंबर में कई मुद्दों पर सहमति बनी थी
इससे पहले छठे राउंड की बातचीत 21 सितंबर को हुई थी। इसमें दोनों पक्षों में इस बात को लेकर सहमति बनी थी कि अग्रिम सीमा पर और ज्यादा सेना नहीं भेजी जाएगी, कोई भी पक्ष एकतरफा बदलाव नहीं करेगा और न ही कोई एक्शन लेगा, ताकि मामले को उलझने से रोका जा सके।

‘लद्दाख की चोटियों से फौज नहीं हटाएगा भारत’
अफसरों के मुताबिक, अगर चीन पैंगॉन्ग लेक दक्षिणी किनारे स्थित चोटियों पर से भारतीय सेना हटाने की मांग करता है तो इसका सख्ती से विरोध किया जाएगा। पिछली बार भी चीन के सैन्य अफसरों ने कई रणनीतिक चोटियों मुखपारी, रेजांग ला और मगर हिल्स समेत कई चोटियों से भारतीय सैनिक हटाने की मांग की थी।

चीन ने 29 अगस्त की रात को भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसे भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया था। इसके बाद भारतीय जवानों ने दक्षिणी पैंगॉन्ग की 6 चोटियों को अपने कब्जे में ले लिया था