बड़ा बदलाव, अब नौकरी छोड़ने के बाद दो दिन में होगा फुल एंड फाइनल सेटलमेंट

Business

अब नौकरी छोड़ने के दो दिन बाद ही कंपनी से फुल एंड फाइनल सेटलमेंट हो जाएगा। अभी कंपनी छोड़ने के बाद किसी भी कर्मचारी को कम से कम एक महीने का इंतजार करना पड़ता है। नए वेज कोड 2019 के लागू होने के बाद ऐसा हो जाएगा। इस नए वेज कोड को सरकार ने आठ अगस्त को अधिसूचित किया गया था। अभी 1936 का पेमेंट ऑफ वेज एक्ट लागू है, जिसमें कंपनियों के लिए फुल एंड फाइनल सेटलमेंट करने के लिए किसी तरह की कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। कई बार कर्मचारियों को एक से तीन महीने अपना सेटलमेंट कराने में लग जाते थे।

नए कोड के लागू होने के बाद यह होगी व्यवस्था
नए कोड के मुताबिक अगर कोई कंपनी किसी कर्मचारी को नौकरी से बाहर करती है, या फिर कोई कर्मचारी इस्तीफा देता है अथवा कंपनी किसी कारण के चलते बंद हो जाती है, तो फिर कंपनी को दो कार्य दिवस में कर्मचारी का फुल एंड फाइनल सेटलमेंट किया जाएगा। इस हिसाब से अगर कोई कर्मचारी 15 दिसंबर को नौकरी से इस्तीफा देता है, तो फिर उसका 17 दिसंबर तक कंपनी को फुल एंड फाइनल सेटलमेंट करना होगा।
असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को भी नए वेज कोड का फायदा मिलेगा। इस कोड बिल को संसद ने तो पास कर दिया है, लेकिन सरकार ने अभी यह नहीं बताया है कि इसको कब से लागू किया जाएगा। श्रम मंत्रालय ने ड्राफ्ट नियमों को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इन नियमों पर स्टेकहोल्डर और आम जनता से मंत्रालय ने सुझाव मांगे हैं।

वेज कोड बिल, 2019 को 30 जुलाई को लोकसभा से मंजूरी मिली थी। उसके बाद दो अगस्त को विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया था। यह विधेयक सरकार को श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन लागू करने में मदद करेगा। साथ ही इससे कर्मचारियों को वेतन भुगतान में विलंब के मुद्दे को हल करने में मदद मिलेगी।

इस वेज कोड में चार श्रम कानूनों- न्यूनतम वेतन कानून, वेतन भुगतान कानून, बोनस भुगतान कानून, समान भत्ता कानून को समाहित किया गया है। नया कानून बनने के बाद ये चारों अधिनियम समाप्त हो गए।

इस नए कानून के बाद ट्रेड यूनियनों, नियोक्ताओं और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों की त्रिपक्षीय समिति देशभर में कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन तय करेगी। इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि पुरुषों और महिलाओं के साथ ट्रांसजेंडर के बीच वेतन को लेकर किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा सके। इस कोड के तहत जहां सभी क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन तय किया जाएगा वहीं उनको समय पर वेतन भुगतान भी सुनिश्चित हो सकेगा।