बैठकों में हिस्सा न लेने के कारण तेंदुलकर और विश्वनाथन को समिति से किया गया बाहर

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भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने दिसंबर 2015 में ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ स्पोर्ट्स का गठन किया। मकसद था देश में खेल के विकास से जुड़े मामलों पर दिग्गजों से सलाह लेना। खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने दिसंबर 2015 से मई 2019 तक कमेटी के पहले कार्यकाल में सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा सांसद और आनंद को खिलाड़ी के तौर पर जगह दी गई थी। मगर अब दोनों ही दिग्गजों को इस समिति से बाहर कर दिया गया है।

सचिन और आनंद के अलावा बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद और पूर्व फुटबॉल कप्तान बाइचुंग भूटिया को भी बाहर कर दिया गया है। सूत्रों की माने तो सचिन और आनंद कमिटी की बैठकों में नहीं जाते थे, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। नए सदस्यों के तौर पर क्रिकेटर हरभजन सिंह और 1983 विश्व कप विजेता टीम के सलामी बल्लेबाज कृष्माचारी श्रीकांत को जगह दी गई है। अब कमेटी में सदस्यों की संख्या भी 27 से घटाकर 18 कर दी गई है।

बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद को टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों में व्यस्त रहने के कारण, कमेटी में शामिल नहीं किया गया है। खेल मामलों की इस समिति में नए सदस्यों के तौर पर पहलवान योगेश्वर दत्त, पर्वतारोही बछेंद्री पाल, तीरंदाज लिम्बा राम, धावक पीटी उषा, शूटर अंजलि भागवत, पैरालंपियन दीपा मलिक, रेनेडी सिंह और को शामिल किया गया है।