बढ़ती जनसंख्या के कारण 80 फीसदी बढ़ी खाने की मांग

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लंबे और भारी लोगों के साथ तेजी से बढ़ रही जनसंख्या के चलते दुनियाभर में आने वाले समय में खाने की मांग बढ़ जाएगी। स्थिति ये भी हो सकती है कि आपूर्तिकर्ता इस मांग को पूरा भी न कर पाएं। जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ गॉटिनगेन के एक अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है। अध्ययन में 2010 से वर्ष 2100 के बीच कैलोरी इनटेक का आकलन किया गया है।

इसके मुताबिक दुनियाभर में खाद्य की खपत में सदी के अंत तक 80 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक 60 फीसदी खाद्य पदार्थों की खपत जनसंख्या वृद्धि और 20 फीसदी की वृद्धि लंबे लोगों के चलते होगी जिनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और लंबाई अधिक होगी।

मैक्सिको और नीदरलैंड के लोगों पर शोध
प्रो. स्टीफन क्लासेन ने नीदरलैंड और मैक्सिको के लोगों पर अध्ययन किया। इसमें पता चला कि मैक्सिको के लोगों की बीएमआई में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। नीदरलैंड में भी लोगों की औसत लंबाई बढ़ रही है। डच नागरिकों की औसतन लंबाई 183 सेमी. है जिसमें 1914 से 2014 के बीच 13.1 सेमी. की बढ़ोतरी हुई है। इसी का नतीजा है कि शरीर जितना बड़ा और विशाल होगा कैलोरी की जरूरत उतनी अधिक होगी और इसकी पूर्ति खाने से ही संभव है।

पेट भरेगा पर पोषक तत्व नहीं मिलेंगे
वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि दुनियाभर में जब ऐसे हालात होंगे तो संपन्न लोग इसकी भरपाई कर लेंगे। गरीब तपके के लोग सस्ते खाद्य पदार्थ खाएंगे जिसमें कैलोरी तो होगी लेकिन पोषक तत्व नहीं मिलेंगे। इसका परिणाम ये होगा कि गरीब लोगों का वजन बढ़ेगा, लेकिन कुषोषण और खराब स्वास्थ्य की शिकायतें हमेशा रहेंगी।
भारत-नाइजीरिया की संयुक्त कैलोरी से भी ज्यादा चाहिए भोजन
इस अध्ययन में कहा गया है कि जनसंख्या वृद्धि के इतर इस सदी के अंत तक लंबे इंसानों की आवश्यक्ता को पूरा करने के लिए दुनियाभर में अतिरिक्त भोजन की जरूरत पड़ेगी। जो 2010 में भारत और नाइजीरिया की संयुक्त कैलोरी जरूरत से भी कहीं ज्यादा होगा। इसमें बढ़ोतरी से सब-सहारन अफ्रीकी देश अधिक प्रभावित होंगे जो पहले से ही अधिक जनसंख्या के चलते कैलोरी की पूर्ति के लिए जूझ रहे हैं।

ब्रिटेन से लेकर मैक्सिको में बढ़ी लोगों की लंबाई
ब्रिटेन में पुरुष और महिलाओं की लंबाई में पिछली सदी में 11 सेमी की बढ़ोतरी हुई है। अभी एक पुरुष की औसत लंबाई 178 सेमी और महिलाओं की 161 सेमी है। इसी तरह मैक्सिको अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे अधिक बॉडी मास इंडेक्स वाला देश है। 1980 के दशक तक मैक्सिको में कुपोषण सबसे बड़ी समस्या थी। 2010 में दस में से सात मैक्सिको के नागरिक ओवरवेट हो गए जिसमें तीसरा व्यक्ति मोटापे की श्रेणी में आ गया।