आलोक पुराणिक
जिंदगी चुनौती है, चैलेंज है, जानकार बताते हैं। पर फेसबुक युक्त जिंदगी विकट चैलेंज है। फेसबुक पर रोज एक चैलेंज आ जाता है—पति-पत्नी दोनों अपनी फोटू फेसबुक पर डालो चैलेंज। इसमें चैलेंज जैसी क्या बात है, यह सवाल बेकार है। भारी चैलेंज है। अगर शादी पच्चीस साल पुरानी हो गयी हो, और शादी के वक्त वाली फोटू डाल दो, लोग पूछने लगते हैं कि ये मोटा आदमी इतने हैंडसम आदमी की फोटू क्यों डाल रहा है।
शादी के पच्चीस सालों में हर हैंडसम मोटा हो लेता है, शादी है ही ऐसा चैलेंज। शादी के वक्त की फोटू में श्रीमतियां कुपोषण की मारी लगती हैं, शादी के पच्चीस साल बाद डीलडौल एकदम सुपोषित हो जाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि शादी के पहले बालिकाओं को खाना नहीं मिलता है, इसका मतलब यह है कि शादी के बाद पति इतना बोरिंग मिला है कि सारा रस खाने में तलाश किया जा रहा है। तस्वीरों के कई मतलब होते हैं।
एक मित्र ने बताया कि उन्हें नामिनेट किया गया है कि वह बालकनी में खड़े होकर बनियान और साड़ी में फोटू खिंचवायेंगे। नामिनेट करने की बात कुछ यूं बतायी। उन्होंने मानो बुकर पुरस्कार या नोबल पुरस्कार के लिए नामिनेट किया गया हो। उन्हें देखकर मुझे लगा कि अगर बंदा खुश होना सीख जाये तो बनियान और साड़ी के लिए नामिनेट होकर भी खुश हो लेता है। कपल चैलेंज के बाद आ गया सिंगल चैलेंज। इसमें कुंवारे फोटू खिंचा रहे हैं।
सिंगल रहना इस वक्त में एक बड़ी उपलब्धि है। सुबह से शाम तक शादी डाट काम टाइप वेबसाइटें ईमेल में संदेश ठेले रहती हैं कि आपका प्रोफाइल सुनीता ने देख लिया और विनीता ने देख लिया। एक दिलजले ने वापस ईमेल लिख मारी कि यह बताओ कि श्रद्धा कपूर ने देख लिया कि नहीं। मैंने ऐसे दिलजले को समझाया कि श्रद्धा कपूर इन दिनों ड्रग के मामले में फंसी हुई है, तुम भी धर लिये जाओगे। फिल्म इंडस्ट्री में इन दिनों हर तरफ ड्रगबाज नजर आ रहे हैं, हालांकि थे तो पहले भी, पर नजर अभी ही आ रहे हैं। पुराने ड्रगबाज इन दिनों शरीफ हो गये हैं।
संजय दत्त अभी पशु आहार के इश्तिहार में दिखे। यह समझना मुश्किल था कि पशु आहार के विज्ञापन को करने के लिए संजय दत्त को ही क्यों चुना गया, ना तो वह पशुपालन में हैं और ना ही वो दुग्ध प्रेमी बताये जाते हैं। अमिताभ बच्चन साहब एक स्कूटी का इश्तिहार कर रहे थे। 75 साल से ऊपर के अमिताभ साहब अभी कुछ दिनों पहले अस्पताल से वापस हुए हैं, और वह स्कूटी चलायेंगे, ऐसी उम्मीद व्यर्थ है। बेचो भाई जो मन करे, बेचो, बस ड्रग न बेचो।
