अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। मगर वहां के राजनेताओं में ‘झूठ’ के बोलबाले को लेकर अभी से चिंता बढ़ती जा रही है। साल 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में रूस के हस्तक्षेप की खूब चर्चा हुई। दावा किया गया कि राष्ट्रपति पुतिन के कहने पर रूसी हैकरों ने सोशल मीडिया पर जमकर गलत सूचनाएं प्रसारित कीं।
विवाद इतना बढ़ा कि फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग को सफाई तक देनी पड़ी और उन्होंने भरोसा भी जताया कि भविष्य में वह फर्जी खबरों पर लगाम कसने के लिए उचित कदम उठाएंगे। मगर हालिया रिपोर्ट को देखें तो 2020 के राष्ट्रपति चुनावों के नजदीक आने के साथ ही फिर से फर्जी खबरें कई गुना तक बढ़ गई हैं।
‘आवाज’ नाम की एक संस्था ने फेसबुक की शीर्ष-100 फर्जी खबरों की समीक्षा की। उनकी रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। इन सौ खबरों को अमेरिका में 15.8 करोड़ बार देखा गया। जबकि पिछले साल मध्यावधि चुनावों में अमेरिका में कुल वोटर की संख्या 15.3 करोड़ थी। इसका मतलब हुआ कि प्रत्येक अमेरिकी वोटर कम से कम एक बार इन फर्जी खबरों से रूबरू हुआ।
राजनीतिक दलों में बढ़ी चिंता
अमेरिका में नवंबर 2020 में चुनाव होने हैं। इससे पहले बड़े पैमाने पर फर्जी खबरों ने राजनीतिक पार्टियों की नींद उड़ा दी है। लीजा कैपलन ने निर्दलीय सीनेटर एंगस किंग के प्रचार के लिए एक छोटी टीम गठित की। इसका काम उनके उम्मीदवार के खिलाफ फर्जी खबरों को पकड़ना है।
खास बात यह है कि फेसबुक पर प्रसारित अधिकतर फर्जी खबरें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में हैं। उनके खिलाफ 30 फीसदी से भी कम फर्जी खबरें फेसबुक पर चल रही हैं।
फेसबुक पर प्रसारित फर्जी खबरों का अध्ययन करने के बाद एक और बात सामने आई। ये खबरें प्रमुख मीडिया संस्थानों की ओर से कम बल्कि व्यक्तिगत अकाउंट से ज्यादा प्रसारित हो रही हैं।
ट्रंप के दादा को टैक्स चोर और पिता को घृणित समूह केकेके का सदस्य बताया। मगर ट्रंप के दादा कारोबारी थे और उनके पिता को हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में रिहा कर दिया गया था।
नैंसी पोल्सी पर सामाजिक सुरक्षा फंड का इस्तेमाल महाभियोग के लिए करने के आरोप लगे। मगर उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। इस फर्जी खबर पर उन्होंने संसद में नाराजगी भी जताई।
इल्हान ओमर आतंकी कैंप में। जिस तस्वीर के साथ यह खबर साझा की गई, वह दरअसल 1978 की थी। जबकि इल्हान का जन्म ही 1980 में हुआ।
ट्रंप माइक पेंस के खिलाफ महाभियोग चलाने की कोशिश में। जबकि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया।
मोटरसाइकिल प्रतिबंध वाली खबर भी जांच में फर्जी पाई गई
ट्रंप पर लगे थे रूस की मदद लेने के आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगे कि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए रूस की मदद ली
सीआईए अधिकारी ने दावा किया कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने चुनावों में व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप किया
अपने दावे के समर्थन में उसने 2017 की कुछ सूचनाओं को डिकोड का दावा किया था
हालांकि अमेरिकी अटार्नी जनरल (एजी) विलियम बार ने ट्रंप के चुनाव प्रचार और रूसी सरकार के बीच सांठगांठ की जांच में कोई सबूत नहीं पाया