उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आरक्षण से जुड़े एक मामले में फैसला सुनाते हुए पदोन्नति में आरक्षण को मौलिक अधिकार मानने से इनकार कर दिया। ये फैसल केंद्र सरकार के गले में की हड्डी बन रहा है और विपक्ष इसपर हमलावर होने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा आरक्षण को खत्म करने की कोशिश में है। अब इस पर बॉलीवुड एक मशहूर अभिनेत्री ने प्रियंका को जवाब दिया है।
प्रियंका के इस बयान पर अभिनेत्री पूजा बेदी ने उनको खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने भाजपा का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, ‘प्रिय प्रियंका गांधी मुझे लगता है कि यह बहुत सकारात्मक है कि भाजपा कोटा सिस्टम और आरक्षण प्रणाली को खत्म करना चाहती है। अगर हम एक भारत और मेरिट में विश्वास करते हैं तो हमें इस विभाजनकारी राजनीति का अंत करना होगा। यह कदम निश्चित रूप से सही दिशा में बढ़ाया गया है। यह आरक्षण प्रणाली हमेशा के लिए किसी को नहीं दी जा सकती।’
सुर्खियों में रहती हैं पूजा बेदी
कबीर बेदी की बेटी पूजा बेदी फिल्मों से फिलहाल दूर हैं लेकिन अक्सर बॉलीवुड की इवेंट्स में वो नजर आती हैं। टीवी पर उनका शो काफी मशहूर हुआ था। पूजा अखबारों में कॉलम भी लिखती हैं। 2011 में वो बिग बॉस का हिस्सा भी रही थीं। पिछले दिनों ही पूजा ने अपने ब्यॉयफ्रेंड से सगाई की थी। हाल ही उनकी बेटी आलिया फर्नीचरवाला की फिल्म जवानी जानेमन रिलीज हुई है।
क्या कहा था प्रियंका गांधी ने
प्रियंका ने ट्वीट किया कि भाजपा का आरक्षण खत्म करने का तरीका समझिए। आरएसएस वाले लगातार आरक्षण के खिलाफ बयान देते हैं। उत्तराखंड की भाजपा सरकार उच्चतम न्यायालय में अपील डालती है कि आरक्षण के मौलिक अधिकार को खत्म किया जाए। उत्तर प्रदेश सरकार भी तुरंत आरक्षण के नियमों से छेड़छाड़ शुरू कर देती है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने पहले दलित आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ बने कानून को कमजोर करने की कोशिश की। अब संविधान और बाबासाहेब द्वारा दिए बराबरी के अधिकार को कमजोर कर रही है।
राहुल गांधी ने भी साधा निशाना
राहुल गांधी ने कहा भाजपा आरएसएस के डीएनए में आरक्षण का विरोध है। हम आरक्षण को खत्म नहीं होने देंगे। मोदी जी या मोहन भागवत भले ही कितने भी सपने देख लें, हम किसी भी हाल में आरक्षण समाप्त नहीं होने देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा आरक्षण की विरोधी है। वो चाहते हैं कि एससी-एसटी समुदाय कभी आगे न बढ़े।