प्राकृतिक आपदा समेत ऐसी आठ मौतों पर नहीं मिलता है जीवन बीमा का पैसा

Business

जीवन बीमा या फिर लाइफ इंश्योरेंस हर वो व्यक्ति लेता है, जिसे अपने परिवार की चिंता रहती है। जीवन बीमा लेने का मुख्य मकसद यह होता है कि कुछ अनहोनी होने की दशा में पीछे से उसके परिवार की वित्तीय देखभाल हो सके। हालांकि पॉलिसीधारक की मौत होने पर कई कंपनियां एक पैसा भी क्लेम के नाम पर नहीं देती है। अगर किसी पॉलिसीधारक की मौत प्राकृतिक आपदा या फिर अन्य वजह से हो जाती है तो बीमा कंपनी तो पैसा नहीं देगी। इससे ऐसे लोगों के परिवार को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कि कौन से केस में पॉलिसीधारक की असमय मृत्यु होने पर क्लेम नहीं मिलेगा।
नॉमिनी द्वारा की गई हत्या
अगर पॉलिसीधारक की पैसा लेने के चलते उसके नॉमिनी ने ही हत्या कर दी है तो फिर किसी तरह का बीमा क्लेम प्रोसेस नहीं होगा। कंपनी इस बारे में पुलिस जांच के बाद इस तरह का फैसला लेगी। इसके अलावा अगर पॉलिसीधारक पहले से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है और इसके चलते उसकी हत्या होती है, तो भी क्लेम नहीं मिलेगा।
किसी प्रकार की स्वास्थ्य आपदा
अगर पॉलिसी धारक को किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या है और उसकी वजह से मौत हो जाती है, तो भी कंपनियां जीवन बीमा क्लेम नहीं देगी।
शराब का सेवन
अगर पॉलिसीधारक बहुत ज्यादा शराब का सेवन करता है तो भी उसे किसी तरह का क्लेम नहीं मिलेगा। शराब पीने के बाद गाड़ी चलाने पर और एक्सीडेंट होने के बाद मौत हो जाती है, तो फिर क्लेम नहीं मिलेगा।
भूकंप, सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदा
भूकंप, चक्रवात, सुनामी, बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदा में किसी पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाने पर भी बीमा कंपनियां किसी तरह का क्लेम नहीं देती हैं।
बच्चे के जन्म पर महिला की मौत
अगर प्रसव के दौरान पॉलिसीधारक महिला की मौत हो जाती है, तो भी कंपनियां क्लेम नहीं देगी। बीमा कंपनियों ने इस तरह का नियम बना रखा है।
आत्महत्या पर यह हैं नियम
अगर कोई पॉलिसी धारक पॉलिसी पहले साल में ही आत्महत्या कर लेता है, तो फिर किसी तरह का क्लेम नहीं मिलता है। हालांकि कुछ कंपनियां दूसरे व तीसरे साल में आत्महत्या करने पर क्लेम को प्रोसेस कर देती हैं।
खतरनाक स्टंट करने पर
जो लोग जोखिम भरे कामों में जुड़े रहते हैं उनकी मौत को टर्म इंश्योरेंस में कवर नहीं किया जाता। इन गतिविधियों में पॉलिसी होल्डर की जान का खतरा हमेशा बना रहता है और बड़े एक्सिडेंट की संभावना बनी रहती है।
तंबाकू सेवन का खुलासा न करने पर
अगर कोई व्यक्ति तंबाकू उत्पाद जैसे कि सिगरेट, गुटखा, बीड़ी और खैनी आदि का सेवन करता है, लेकिन इसका खुलासा बीमा में नहीं करता है, तो फिर किसी तरह का क्लेम नहीं मिलता है।