ऑनलाइन ठगी के मामले थमने की जगह और बढ़ रहे हैं। साइबर ठग रोजाना नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे है। अभी तक ओटीपी और पिन नंबर पूछकर राशि उड़ाने के मामले आ रहे थे। लेकिन अब ठग न तो लोगों से ओटीपी मांगते हैं और न ही पिन कोड। इन ठगों ने ऐसा जाल बिछाया कि इनके झांसे में पढ़े-लिखे लोग भी आ रहे हैं। एक कॉल आपकी सारी कमाई को उड़ा सकती है। हम सबको सावधान रहने की जरूरत है। नीचे पढ़ें कैसे ठग लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं…
ठग अब पेटीएम केवाइसी करवाने के बहाने लोगों के मोबाइल पर एक लिंक भेजते हैं।लिंक पर क्लिक करने को कहते हैं इससे एक एप डाउनलोड करवाते हैं। एप इंस्टाल होते ही पेटीएम अकाउंट में जमा पूरी राशि को उड़ा लेते हैं। इस तरह की रोहतक पुलिस के पास पिछले 2 दिनों में 5 शिकायतें आ चुकी हैं। वहीं पुलिस केवल केस दर्ज करने तक सीमित है।
केस-1: रोहतक की जनता कॉलोनी निवासी अरुण शर्मा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 6 दिसंबर को उसके मोबाइल पर एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। जिसने खुद को पेटीएम का कर्मचारी बताया। इसके बाद उसने कहा कि आपके पेटीएम की केवाइसी की तिथि समाप्त होने वाली है, जिसका रि-वेरिफिकेशन करना होगा। साथ ही उसने कहा कि वह उसकी केवाईसी कर देगा।
इसके लिए अरूण टीम व्यूवर एप को इंस्टाल कर ले। अरूण ने बताया कि एप इंस्टाल करते ही उसके खाते से एक अन्य नंबर पर 4200 रुपये ट्रांसफर होने का मैसेज आया। जिसके बाद ठग ने फोन रख दिया। उसे कई बार फोन लगाने की कोशिश की गई, लेकिन उसका फोन नहीं लगा। अरूण ने बताया कि कुछ ही देर बाद उसके फोन पर उसके पेटीएम से 37400 रुपये टांसफर होने का मैसेज आया।
केस-2: अर्बन एस्टेट थाना पुलिस को दी शिकायत में डॉ. शिल्पा कावरा ने बताया कि 6 दिसंबर दोपहर को उसके मोबाइल फोन पर एक नंबर से अज्ञात व्यक्ति का मैसेज आया। जिसमें लिखा था कि पेटीएम की केवाईसी सस्पेंड हो गई है, जिसे दोबारा से करें। इसके बाद एक और नंबर से किसी अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। उसने खुद को पेटीएम से होना बताया और पेटीएम की केवाईसी अपडेट करने की बात कहते हुए एक लिंक पर क्लिक करने के बारे में कहा। उस पर क्लिक करते ही डॉक्टर के खाते से 14 हजार 273 रुपये डेबिट हो गए।