पाक PM की खीझ:इमरान बोले- बाइडेन से पूछिए कि वो मुझे फोन क्यों नहीं करते

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(www.arya-tv.com)जो बाइडेन को अमेरिकी राष्ट्रपति बने 8 महीने हो गए। उन्होंने दुनिया के लगभग हर राष्ट्राध्यक्ष को फोन किया, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अब तक प्रेसिडेंट बाइडेन के फोन का बेसब्री से इंतजार है। तमाम कोशिशों के बावजूद जब अमेरिकी राष्ट्रपति का कॉल इमरान खान नियाजी को नहीं मिला तो वे खीझ में नजर आते हैं। एक इंटरव्यू में जब इमरान से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- क्या बाइडेन इतने बिजी हैं कि मुझे फोन नहीं कर पाते।

अफगानिस्तान के मसले पर इमरान ने कहा कि तालिबान को वक्त देने की जरूरत है ताकि वो मसलों का दुरुस्त कर सके। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अमेरिका का नाम लिए बिना साफ कहा कि अफगानिस्तान को दुनिया की कोई ताकत बाहर से नहीं चला सकती।

तालिबान हुकूमत की मदद करें
इमरान ने बुधवार रात CNN के प्रोग्राम ‘कनेक्ट द वर्ल्ड’ की होस्ट बेकी एंडरसन को इंटरव्यू दिया। तालिबान की हुकूमत पर पूछे एक सवाल के जवाब में कहा- जरूरत ये है कि इस हुकूमत की मदद की जाए, उसे फायदा पहुंचाया जाए ताकि मसला हल हो सके। अफगानिस्तान को बाहर से कंट्रोल करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए, क्योंकि ये कभी कामयाब नहीं होंगी। उम्मीद करते हैं कि 40 साल बाद अब वहां अमन कायम होगा। तालिबान खुद कह रहे हैं कि वो सबको साथ लेकर सरकार चलाना चाहते हैं, महिलाओं को हक देना चाहते हैं।

कठपुतली सरकार नहीं चलेगी
इमरान ने हामिद करजई, अशरफ गनी और अमेरिका का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों में साफ कर दिया कि वो कहना क्या चाहते हैं। इमरान ने कहा- अफगानिस्तान ने कठपुतली सरकारें भी देख लीं। क्या हुआ? वो सरकारें नाकाम रहीं। अब नई हुकूमत को दुनिया की मदद की जरूरत है। पुरानी गलतियां मत दोहराइए। अगर तालिबान नाकाम रहे तो फिर क्या होगा, ये सोचकर भी डर लगता है।

बाहरी ताकतें महिलाओं को हक नहीं दिला सकतीं
एंडरसन ने इमरान से बार-बार अफगानिस्तान में महिला अधिकारों के मसले पर सवाल पूछे। इस पर उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। कहा- ये सोचना भी भूल होगा कि कोई बाहरी ताकत अफगान महिलाओं को उनके हक दिलवा सकेगी। वो खुद मजबूत हैं और अपने हक के लिए लड़ सकती हैं।

बाइडेन का फोन न आने की खीझ
पाकिस्तान में अकसर इमरान का यह कहते हुए मजाक उड़ाया जाता है कि बाइडेन या अमेरिकी एडमिनिस्ट्रेशन के अफसर पाक आर्मी और ISI चीफ से तो बात करते हैं, लेकिन इमरान से नहीं। इस बारे में पूछे गए सवाल पर इमरान ने कहा- बाइडेन बहुत बिजी रहते होंगे। इसलिए मुझे फोन नहीं किया।

इमरान के इस जवाब पर एंडरसन ने उन्हें फिर कुरेदा और पूछा- पाकिस्तान तो नाटो के बाद अमेरिका का सबसे बड़ा सहयोगी रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि आपने तालिबान को जो मदद दी है, उसकी वजह से बाइडेन आपको फोन नहीं कर रहे हैं, क्योंकि तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों की हत्या की है? जवाब में इमरान ने कहा- वो इतने व्यस्त कैसे हो गए कि मुझे फोन तक नहीं कर पाते?