पाक को सेना प्रमुख नरवणे ने दी बड़ी धमकी- चीन के सहारे कब तक…. !

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सेना प्रमुख नरवणे ने हाल ही में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई पर प्रतिक्रिया दी।
पाकिस्तान को अपनी कथनी और करनी का बीच का अंतर पाटना ही होगा। पाकिस्तान आखिर चीन के सहारे कब तक अपनी खैर मनाता रहेगा। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) का दबाव उस पर लगातार बढ़ता जा रहा है, ऐसे में संभल जाने में ही उसकी भलाई है। यह कहना है भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे का।

सेना प्रमुख नरवणे ने हाल में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ओर से अपने पूर्ण सत्र में पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हमें इनपुट मिलते रहते हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 15-20 आतंकवादी शिविर हैं, जहां हर समय करीब 250-350 आतंकवादी मौजूद रहते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह आंकड़ा कम या ज्यादा हो सकता है।

सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि यदि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ओर से पाकिस्तान पर लगातार और दबाव बढ़ाया जाता रहा तो उसे अपनी कथनी और करनी पर दोबारा विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों में कमी आने में एफएटीएफ को उन्होंने एक प्रमुख कारक भी बताया।

सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि पेरिस में हुई पाकिस्तान के खिलाफ एफएटीएफ की कार्रवाई से चीन ने भी महसूस कर लिया है कि हर समय अपने इस मित्र (पाकिस्तान) का बचाव नहीं कर सकता है।

उन्होंने कहा कि हमें इनपुट मिलते रहे हैं। हम बैट (बॉर्डर एक्शन टीम) कार्रवाई कर पाकिस्तानी सेना की ओर से आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की किसी भी नापाक हरकत को तुरंत नाकाम करने में सक्षम हैं।

सैनिकों को परिवार का माहौल देगा थल सेना भवन
सेना प्रमुख ने प्रस्तावित थल सेना भवन को लेकर भी अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि थल सेना भवन सेना के मुख्यालय के सभी दफ्तरों-कार्यालयों को एक छत के नीचे लाने में प्रभावी होगा। ताकि कार्य कुशलता में सुधार होने के साथ कार्बन फुटप्रिंट और लॉजिस्टिक की आवश्यकताओं में कमी आएगी। यह शांति काल में दिल्ली में कार्यरत हमारे सभी सैनिकों को एक पारिवारिक माहौल प्रदान करेगा।