पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है, ये बात सारी दुनिया जानती है। वहीं, एक बार फिर एक अल्पसंख्यक को पाकिस्तान छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। पाकिस्तानी सिख नेता राधेश सिंह टोनी को जान से मारने की धमकी और कुछ अज्ञात लोगों लोगों द्वारा पिछले महीने मारपीट की घटना के बाद उन्हें पाकिस्तान से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।
टोनी द्वारा सामना किए जा रहे अत्याचारों को बताते हुए, शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेता मनजिंदर एस सिरसा ने कहा कि राधेश सिंह टोनी, जिन्होंने पेशावर से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पाकिस्तान में 2018 का आम चुनाव लड़ा था, को कथित तौर पर पिछले महीने कुछ अज्ञात लोगों द्वारा प्रताड़ित किया गया था। उन्हें धमकियां मिल रही हैं और देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
वहीं, बुधवार को टोनी ने खुद एक असत्यापित ट्विवर अकाउंट से एक वीडियो बयान जारी किया। वीडियो में उन्हें देखा जा सकता है कि वे सिख समुदाय से अपील कर रहे हैं कि वे उनके और उनके परिवार की मदद करें और उन्हें किसी सुरक्षित जगह पर ले जाएं।
टोनी ने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें अभी भी पाकिस्तान से जान से मारने की धमकियां मिल रही है और इसे देखते हुए वह अपने परिवार के सुरक्षित भविष्य के लिए चिंतित हैं।
बुधवार को टोनी ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया कि मैं विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय से अपील करता हूं कि कृप्या मेरी मदद कीजिए और मेरे परिवार को पाकिस्तान से निकालकर दुनिया के किसी सुरक्षित जगह पर ले जाइए।
45 सेकेंड के इस वीडियो में उन्हें बोलते हुए सुना जा सकता है, ‘मेरी जिंदगी खतरे में है। इसलिए, मैं अपने बच्चों के लिए उनके भविष्य की रक्षा कर सकता था। मैं अपने परिवार को सुरक्षित और स्वस्थ देखना चाहता हूं। अभी मुझे पाकिस्तान से ऐसे फोन आ रहे हैं … जो मैं नहीं उठा रहा हूं … जो मुझे परेशान कर रहे है … इससे छुटकारा पाने में मेरी मदद कीजिए।’
राधेश सिंह टोनी ने पेशावर के पीके-75 निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 2018 का आम चुनाव लड़ा था। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, टोनी स्थानीय सिख समुदाय के प्रमुख सदस्य और खैबर पख्तूनख्वा के पाकिस्तान अल्पसंख्यक गठबंधन के अध्यक्ष थे।