(www.arya-tv.com) अफगानिस्तान के पंजशीर में तालिबान की नॉदर्न अलायंस से जंग चल रही है। इस बीच खबर है कि नॉदर्न अलायंस के लड़ाकों ने 13 तालिबानियों को मार गिराया है। साथ ही तालिबान के एक टैंक को भी तबाह कर दिया है। वहीं नॉदर्न अलायंस की अगुवाई कर रहे अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा है कि तालिबान से जंग लड़ रही रेजिस्टेंस फोर्स भले ही पंजशीर में हो, लेकिन वह सभी अफगानियों के हकों की रक्षा करेगी।
पंजशीर के लड़ाकों का ऐलान- तालिबान के खिलाफ जंग जारी रहेगी
पंजशीर में तालिबान के खिलाफ जंग लड़ रही रेजिस्टेंस फोर्स ने कहा है कि ये लड़ाई जारी रहेगी, क्योंकि तालिबान से वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। बता दें पूरे अफगानिस्तान में पंजशीर ही ऐसा इलाका है जहां तालिबान कब्जा नहीं कर पाया है। यहां पंजशीर के शेर के नाम से मशहूर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह तालिबान के खिलाफ जंग की अगुआई कर रहे हैं।
तालिबान ने पंजशीर में गवर्नर नियुक्त किया
अफगानिस्तान के पंजशीर पर भले ही तालिबान का कब्जा नहीं हो, लेकिन उसने अपनी तरफ से पंजशीर का नया गवर्नर नियुक्त कर दिया है। अफगानी मीडिया 1TVNewsAF ने यह जानकारी दी है। वहीं तालिबान की तरफ से पंजशीर के लड़ाकों (नॉर्दन अलायंस) से बातचीत कर रहे तालिबान के इनविटेशन एंड गाइडेंस कमीशन के प्रमुख आमिर खान मुताकी ने कहा है कि पंजशीर को लेकर वार्ता विफल हो चुकी है। साथ ही कहा है कि जो सरेंडर करना चाहें वो सरेंडर कर सकते हैं और जो लड़ना चाहते हैं उन्हें जवाब दिया जाएगा, हम पंजशीर पर हमला कर चुके हैं।
भारत में हमला कर सकता है ISIS-K
अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के बीच भारत में भी आतंकी हमले का खतरा बना हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाले आतंकी संगठन ISIS का खुरासान ग्रुप (ISIS-K) भारत में हमले की साजिश रच रहा है। ISIS-K भारत में हिंदू नेताओं और मंदिरों को निशाना बना सकता है। बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान में बैठे आतंकी ISIS के संपर्क में हैं। कश्मीर और कर्नाटक से पकड़े गए कुछ संदिग्धों ने ये खुलासा किया है। इसके बाद खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है।
अमेरिका ने कहा- तालिबान एक क्रूर संगठन है
अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अमेरिकी सेना के जनरल मार्क मिल्ले ने कहा है कि तालिबान एक क्रूर संगठन है और इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है वह बदलेगा या नहीं। इस दौरान मिल्ले ने ये तालिबान के साथ अमेरिका की अभी तक की डीलिंग्स को लेकर कहा कि ऐसे मौकों पर आप वही करते हैं अपने मिशन और फौज के लिए जोखिम कम करने के लिए जरूरी होता है, न कि वह जो आप चाहते हैं। वहीं ऑस्टिन ने कहा कि तालिबान के साथ भविष्य में सहयोग को लेकर कोई अटकलबाजी नहीं कर सकते, लेकिन उनका हमारा फोकस ISIS-K पर रहेगा।
बता दें बीते गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बाद से ही आतंकी संगठन ISIS-खुरासान (ISIS-K) को अमेरिका ने निशाने पर ले रखा है। काबुल एयरपोर्ट पर फिदायीन हमले में अमेरिका के 13 सैनिक मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी ISIS-K ने ली थी। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चेतावनी दी थी कि हमलावरों को ढूंढ-ढूंढ कर मारेंगे। इसके 36 घंटे क अंदर ही अमेरिका ने अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में ड्रोन से हमला कर ISIS-K के दो आतंकियों को मार गिराया था।
UN की चेतावनी- अफगानिस्तान में एक महीने में खाद्यान्न संकट पैदा हो सकता है
अफगानिस्तान में तालिबान अपनी सरकार बनाने की तैयारी कर रहा है और लूटे गए अमेरिकी हथियारों के साथ परेड निकाल रहा है। दूसरी तरफ देश पर खाद्यान्न संकट मंडरा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान में एक महीने के अंदर खाने का संकट पैदा हो सकता है और हर तीन में से एक व्यक्ति को भूख का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही कहा है कि अफगानिस्तान के आधे से ज्यादा बच्चे इस वक्त खाने को तरस रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान में खाने-पीने की वस्तुएं करीब 50% महंगी हो चुकी हैं, जबकि पेट्रोल की कीमतों में 75% का इजाफा हुआ है।