नौ साल में 14 टूर्नामेंट कराने की तैयारी कर रहा है ICC

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अगर सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में आपको क्रिकेट का जबरदस्त डोज मिलने जा रहा है। तैयारी पूरी हो चुकी है, क्योंकि दुनिया भर में क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था ICC ने अपने अगले कैलेंडर (2024-31) में वन-डे विश्व कप, टी-20 विश्व कप, और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के अलावा दो नए टूर्नामेंट का प्रस्ताव रखा है। अगर यह प्रस्ताव लागू हो गया तो दुनियभर की मेंस टीमें 2023 से 2031 तक 14 आईसीसी टूर्नामेंट खेलेंगी। इसके अलावा पहले की ही तरह द्विपक्षीय सीरीज, हर देश की अपनी ग्लोबल लीग और दूसरे टूर्नामेंट तो खेले ही जाएंगे।
अगर सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में आपको क्रिकेट का जबरदस्त डोज मिलने जा रहा है। तैयारी पूरी हो चुकी है, क्योंकि दुनिया भर में क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था ICC ने अपने अगले कैलेंडर (2024-31) में वन-डे विश्व कप, टी-20 विश्व कप, और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के अलावा दो नए टूर्नामेंट का प्रस्ताव रखा है। अगर यह प्रस्ताव लागू हो गया तो दुनियभर की मेंस टीमें 2023 से 2031 तक 14 आईसीसी टूर्नामेंट खेलेंगी। इसके अलावा पहले की ही तरह द्विपक्षीय सीरीज, हर देश की अपनी ग्लोबल लीग और दूसरे टूर्नामेंट तो खेले ही जाएंगे।

टी-20, वन-डे में चैंपियंस कप का प्रस्ताव
अंडर-19 वर्ल्ड कप
ICC के प्रस्ताव के मुताबिक 2024 और 2028 में टी-20 चैंपियंस कप होगा। 10 देशों के बीच कम से कम 48 मैच खेले जाएंगे। मैचों की संख्या उतनी ही है जितनी विश्व कप 2019 में थी। दूसरी ओर 2025 और 2029 में वन-डे चैंपियंस कप कराए जाएंगे। वन-डे चैंपियंस कप को चैंपियंस ट्रॉफी की तरह पेश किया जाएगा। जिसमें छह टीमों के बीच 16 मैच होंगे। सदस्य देशों को 2023-2031 के बीच होने वाले इस टूर्नामेंटों के लिए देशों को बोली लगाने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया गया है। उम्मीद है कि यह समयसीमा बढ़ाई जा सकती है क्योंकि अभी सिर्फ प्रस्ताव आया है।

BCCI हुआ नाराज, इन बोर्ड्स की राय अलग
ICC के इस प्रस्ताव को बीसीसीआई, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड बोर्ड से सहमति मिलना मुश्किल है। आईसीसी साफ तौर पर इन टूर्नामेंट्स से अपना रेवेन्यू बढ़ाना चाहती है। आईसीसी के सीईओ मनु सवानी ने कहा था कि हर साल बड़े आईसीसी टूर्नामेंट से नियमित रूप से बड़ी रकम आएगी, जिसे छोटे देशों में खेल के उत्थान के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। हालांकि बीसीसीआई और ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्ड्स का मानना है कि इससे द्विपक्षीय सीरीज में असर पड़ेगा और उनकी होने वाली कमाई भी कम हो जाएगी।