नौकरी करते ही उठा लें ये कदम, नहीं तो बहुत पछताएंगे आप

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रिटायरमेंट के लिए आपके पास इतना धन होना चाहिए जो आपकी दैनिक घरेलू जरूरतों के साथ बुढ़ापे में होने वाली बीमारियों के इलाज का खर्च भी उठा सके। इसके लिए आपको पहले से ही निवेश शुरू करना होगा और रिटायरमेंट का इंतजार नहीं करना चाहिए। ऐसे में आपको नौकरी की शुरुआत में ही कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उन्हें नजरअंदाज करने से आपकी पेंशन प्रभावित हो सकती है।

महंगाई को जोड़ना न भूलें
फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय हमें कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। हम भविष्य में होने वाले खर्चों की गणना तो करते हैं लेकिन उसमें महंगाई को जोड़ना भूल जाते हैं। इसकी वजह से आपका बजट भी बिगड़ जाता है। जिन खर्चों का अनुमान हम वर्तमान में लगाते हैं, भविष्य में वही हमें महंगी मिलती है। इसलिए फाइनेंशियल प्लानिंग के समय महंगाई को जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। उदाहरण के लिए अगर आपका मासिक खर्च 50,000 रुपये प्रति माह है और अगर वार्षिक दर से महंगाई लगातार छह फीसदी बढ़ रही है, तो इसका मतलब होगा कि आपको 20 साल बाद हर महीने 1.6 लाख रुपये खर्च करने होंगे। ऐसे में आपको ऐसी योजना तैयार करनी होगी जिससे आप मोटा पैसा जुटा सकें।

इमरजेंसी फंड का करें इंतजाम
इसके अतिरिक्त आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी इमरजेंसी में खर्च के लिए आपके पास अतिरिक्त राशि की व्यवस्था भी रहे। इमरजेंसी अगर सेहत को लेकर हो, तो आपको और भी ज्यादा ध्यान देना होगा। भविष्य में अगर किसी कारण आपकी सेहत बहुत बिगड़ जाती है, तो इसके लिए आपके पास फंड का होना बेहद आवश्यक है।

सैलरी का 80 फीसदी ही करें खर्च
फाइनेंशियल प्लानर्स के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को अपनी सैलरी का 80 फीसदी ही खर्च करना चाहिए और 20 फीसदी बचा के रखना चाहिए। जो पैसा आपने जमा किया हुआ है, उसको आप एक लिमिट में निकालकर अपने खर्च को बिगड़ने से बचा सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद के लिए आपके पास सेहत के अतिरिक्त अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए भी पैसे जुड़े होने चाहिए।

ज्यादा फायदे के लिए म्यूचुअल फंड में करें निवेश
निवेशक ज्यादातर पीपीएफ, एनएससी या फिक्स्ड डिपॉजिट में ही निवेश करते हैं। लेकिन ज्यादा फायदे के लिए उन्हें म्यूचुअल फंड में भी निवेश करना चाहिए। इसके माध्यम से रिटायरमेंट के लिए जल्दी फंड इकट्ठा हो जाएगा। यह अपने सपनों को पूरा करने के सबसे आसान तरीकों में से एक है। म्यूचुअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित एसआईपी या सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान नियमित रूप से निवेश करने का एक सुलभ और भरोसेमंद तरीका है, जिसके तहत आप 500 रुपये प्रतिमाह से भी निवेश कर सकते हैं। मतलब अपने मासिक खर्च पर बिना किसी अतिरिक्त बोझ के अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। निवेश की राशि भले ही छोटी हो पर SIP लंबे समय में धीरे-धीरे धन संचयित करने की आसान व्यवस्था है।

म्यूचुअल फंड्स SIP निवेश से आप चक्रवृद्धिता का भी लाभ उठा सकते हैं, अर्थात पहले महीने का आपका मुनाफा आपके अगले महीने के मूलधन में जुड़ जाता है जिससे आपका निवेश बढ़ता जाता है और आपका फायदा भी। जितने ज्यादा समय तक आप SIP में निवेश करेंगे, उतना ही ज्यादा फायदा आपको मिल सकता है। इसलिए लंबे समय तक SIP के जरिये निवेश करने से आपको धन संचय करने में मदद मिलती है।

बेहद महत्वपूर्ण है बीमा पॉलिसी
यदि आप रिटायर होने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए उत्तम बीमा योजना होना और भी महत्वपूर्ण है, विशेष तौर पर जब आप पेंशन पर निर्भर हों। अचानक कोई बीमारी बड़ी आर्थिक तबाही ला सकती है। इसलिए समय रहते बीमा कवर ले लेना सदैव बेहतर है। गंभीर बीमारी की हालत में चिकित्सा खर्च में मदद के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदें। इसके साथ ही गंभीर बीमारियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सालाना स्वास्थ्य जांच और अन्य जांच कराएं, जिससे उनका समय रहते इलाज हो सके।

रिटायरमेंट हेतु निवेश को न टालें
आमतौर पर हम रिटायरमेंट के बारे में नौकरी के करीब 30 साल बाद ही सोचते हैं। नौकरी की शुरुआत में हम रिटायरमेंट हेतु निवेश को टालते रहते हैं। तब युवाओं को ऐसा लगता है कि रिटायमेंट की प्लानिंग बाद भी की जा सकती है और बचत के लिए अभी काफी समय शेष है। लेकिन वो यह नहीं समझ पाते कि शुरुआत में निवेश करने से उन्हें कंपाउंडिंग का लाभ भी मिल सकता है।