शुक्रवार को तिहाड़ जेल में फांसी का ट्रायल जल्लाद पवन की उपस्थिति में हुआ। तय समय पर हुए ट्रायल से पहले जल्लाद से फांसीघर का निरीक्षण किया। उसने लीवर की जांच भी की। फांसी के लिए फंदा भी जल्लाद ने खुद ही तैयार किया। फांसी के समय उपस्थित रहने वाले सभी अधिकारी और कर्मचारी इस दौरान फांसीघर में मौजूद थे।
निर्भया के दोषियों की फांसी फिलहाल टल गई है, लेकिन जेल मनुअल के मुताबिक एक फरवरी को तय फांसी की तिथि के दो दिन पहले यानी बृहस्पतिवार शाम को ही जल्लाद पवन मेरठ से तिहाड़ जेल पहुंच गया था। उसके रहने की व्यवस्था तिहाड़ की जेल नंबर छह में की गई थी। वहां पर सुरक्षा के इंतजाम भी थे। रात में जेल अधिकारियों ने पवन से बातचीत की। इस दौरान उसे दोषियों के वजन, लंबाई और गले के नाप से अवगत कराया गया।
सुबह करीब तीन बजे पवन को फांसी के ट्रायल के लिए उठाया गया। तैयार होने के बाद पवन ने बिहार के बक्सर से लाई गई रस्सी का फंदा तैयार कर लिया। उसकी जांच-परख के बाद वह तय समय पर अधिकारियों के साथ फांसीघर पहुंचा। वहां उसने कैदियों के मुताबिक तैयार पुतलों की जांच की और फिर उन्हें फंदे पर लटकाया। समय होने के बाद अधिकारियों ने रुमाल गिराकर इशारा किया और पवन ने तुरंत लीवर गिरा दिया।
शनिवार को वापस रवाना हो जाएगा पवन
कोर्ट के फैसले के बाद जल्लाद पवन को बिना फांसी दिए ही जेल से वापस घर जाना होगा। जेल सूत्रों का कहना है कि वह शनिवार को तिहाड़ से अपने घर के लिए रवाना होगा। जेल अधिकारियों ने जल्लाद के वापस जाने की पुष्टि की है। उसे दो दिन तिहाड़ में आने के लिए मेहनताना क्या मिलेगा, इसको लेकर संशय बना हुआ है। हालांकि, जेल सूत्रों का कहना है कि फिलहाल उसे केवल आने-जाने का खर्च दिया जाएगा।
