डीजीपी ओपी सिंह ने कहा- बयान बनी मौत की वजह, मौलाना ने भड़काया था

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लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या एक बयान के चलते की गई है। शनिवार को डीपीजी ओपी सिंह ने प्रेस कॉफ्रेंस के जरिए कहा है कि प्रथम जांच में जो तथ्य सामने आ रहे हैं। उनमें यही स्पष्ट हो रहा है कि विवादित बयान को लेकर कमलेश तिवारी की हत्या की गई।

डीजीपी ने कहा कि शुक्रवार को हमें महत्वपूर्ण सुराग मिले थे। शुरू से ही गुजरात कनेक्शन का सुराग मिला था। मौलाना मोहसिन शेख ने उकसाया था। गुजरात से तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। राशिद पठान इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड है। हत्याकांड में पांचों शामिल रहे हैं। रशीद पठान कम्यूटर का जानकार है और टेलरिंग का काम करता है।

हमने घटना के बाद छोटी छोटी टीमों का गठन किया। सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। मिठाई के डिब्बे से पूरी घटना की पुष्टि हुई। राशिद, मोहसिन और फैसल को हिरासत में लिया गया है। हत्याकांड में दो लोग लखनऊ से शामिल हैं।

पुलिस ने 3 अपराधियों को अरेस्ट कर लिया है। उनसे बहुत सघन पूछताछ की जा रही है। फिलहाल वह गुजरात एटीएस के कब्जे में हैं। डीजीपी ने कहा कि हम उन्हें रिमॉन्ड पर लेकर यूपी लाएंगे और पूछताछ करेंगे।

डीजपी ने कहा कि एसएसपी लखनऊ ने सभी सीसीटीवी कैमरों की छानबीन की। जिसके बाद हमें दो संदिग्ध भगवा वस्त्र में दिखे इसके बाद हमने गुजरात एटीएस से संपर्क किया। हम उनमें मौलाना मोहसिन शेख सलीम सूरत का रहने वाला है दूसरा व्यक्ति फैजान है जो कि सूरत में जूते की दुकान पर काम करता है। तीसरा व्यक्ति

इसके अलावा अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। हम उन पर नजर रखें है। ये तीनों व्यक्ति जो हिरासत लिए गए हैं। वो कमलेश तिवारी की हत्या में संलिप्त रहे हैं। इसके अलावा दो और व्यक्ति हैं जो इस घटनामें शामिल हैं उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। पूछताछ में अभी उनकी क्रिमिनल रिकॉर्ड का पता नहीं चला है। हम उन्हें रिमांड में लेकर उत्तर प्रदेश लाएंगे और उनसे और पूछताछ करेंगे। 24 घंटे के अंदर हमारी टीम ने ज्वाइंट आॅपरेशन करके इसका खुलासा किया है। अभी तक इसका किसी खास आतंकी संगठन से कोई ताल्लुक नहीं पाया गया है।

पीड़ित पक्ष की तरफ से जो एफआईआर दर्ज किया गया है उसमें षड़यंत्र के तौर पर दोनों लोगों को नामजद किया गया है। हमने उनको अरेस्ट कर लिया है। उनसे पूछताछ किया जा रहा है। हत्या में लखनऊ के दो लोग शमिल हैं।

मौलाना अनवारूल हक हिरासत में
बिजनौर जिले के नगीना देहात थाना क्षेत्र के गांव किशनपुर आंवला निवासी मौलाना अनवारुल हक के साथ ही भनेड़ा निवासी मुफ्ती नईम ने करीब तीन वर्ष पहले कमलेश तिवारी का सिर कलम करने पर 1.61 करोड़ का इनाम की घोषणा की थीं।

प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि 2015 में भड़काउ भाषण के चलते कमलेश तिवारी की हत्या की गई है। गुजरात के तीन लोगों को अरेस्ट किया गया। विवेचना में 5 आरोपी शामिल हैं।

गौरव तिवारी नाम के युवक को कस्टडी में लिया गया फिर उसे छोड़ दिया गया उसने कुछ दिन पहले फोन करके कमलेश तिवारी से उसके संगठन में जुड़ने की बात कही थी।

डीजीपी ने कहा कि कमलेश तिवारी के लिए सारे सेक्योरिटी के अरेजमेंट किए गए थे। बिजनौर, मुरादाबाद से भी संदिग्धों को कस्टडी में लिया गया है।  डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि किसी भी आतंकी संगठन का अभी तक इससे कोई कनेक्शन नहीं मिला है।