खालिस्तानी आतंकी हैप्पी पीएचडी के शव को सौंपने से इनकार कर सकता है पाकिस्तान

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पाकिस्तान के लाहौर में मारे गए खालिस्तानी आतंकी हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी के शव को सौंपने से इमरान सरकार इनकार कर सकती है। वहीं हैप्पी के माता-पिता चाहते हैं कि उसका दाह-संस्कार अमृतसर में हो। इसके लिए उन्होंने पाकिस्तान से शव को सौंपने की गुहार भी लगाई है।

हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी के शव को पाकिस्तान से भारत लाने की कोशिश नाकाम हो सकती है क्योंकि वह ननकाना साहिब में एक झूठी पहचान के साथ रह रहा था। पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक दस्तावेज में हैप्पी का नाम भूपिंदर सिंह दर्ज है।

रिपोर्ट के अनुसार ड्रग्स सप्लाई के पैसों को लेकर हुए विवाद में स्थानीय गिरोह पर उसकी हत्या करने का शक है। हैप्पी 2016-17 में पंजाब में आरएसएस के पदाधिकारी की हत्या का आरोपी था। वह मूल रूप से वह अमृतसर के छेहरटा के नजदीक न्यू कबीर पार्क इलाके का रहने वाला था।

हरमीत सिंह से ऐसे बना हैप्पी पीएचडी
हरमीत सिंह को हैप्पी पीएचडी के नाम से भी जाना जाता था, क्योंकि उसने अमृतसर के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से धार्मिक अध्ययन में डॉक्टरेट यानी पीएचडी की हुई थी।। विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान यह कभी नहीं चाहेगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस बात का खुलासा हो कि वह खालिस्तानी आतंकियों को शरण दे रहा है। शायद उसका शव भारत को न सौंपने के पीछे यह एक वजह हो सकती है।

इसलिए पाक नहीं सौंपेगा हैप्पी का शव
जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान कभी भी हैप्पी का शव भारत को नहीं सौंपेगा। अगर पाकिस्तान हैप्पी का शव भारत को सौंपता है तो इस बात की पुष्टि हो जाएगी कि पाकिस्तान खालिस्तानी आतंकवादियों को पनाह दे रहा है।

आरएसएस प्रचारक की हत्या में था शामिल
आतंकी हैप्पी पीएचडी पर जालंधर में ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) जगदीश गगनेजा और लुधियाना में आरएसएस के प्रचारक रविंद्र गोसाईं की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप था। हैप्पी इन हत्याओं के बाद पाकिस्तान भाग गया।

हैप्पी की लाश को गायब कर सकता है पाकिस्तान
वह पाकिस्तान किस रास्ते से गया, इसकी जांच में सुरक्षा एजेंसियां जुटी हैं। वहीं, हैप्पी की हत्या का समाचार पाकिस्तानी मीडिया में सेंसर कर दिया गया है। इसकी संभावना है कि आईएसआई हैप्पी की लाश को खुर्द बुर्द कर सकती है। बता दें कि भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार को एक दस्तावेज सौंपा है जिसमें पाकिस्तान में शरण लिए खालिस्तानी आतंकवादियों के नाम है। पाकिस्तान इन आतंकवादियों के वहां नहीं होने का राग अलापता रहा है।

ऐसे सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लगी हैप्पी के आतंकी बनने की जानकारी
हैप्पी के बारे में सुरक्षा एजेंसियों को सबसे पहले उस समय जानकारी मिली जब अमृतसर के कस्बा राजा सांसी के गावं में स्थित एक निरंकारी भवन में हुए बम ब्लास्ट के आरोप में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए बिक्रम सिंह व अवतार सिंह ने पूछताछ के दौरान सुरक्षा एजेंसी को जानकारी दी थी की इस मामले का मास्टर माइंड हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी है। इस ब्लास्ट में तीन लोग मारे गए थे।

आईएसआई का मोहरा था हैप्पी
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चंडीगढ़ में पत्रकार सम्मेलन में हरप्रीत हैप्पी का उल्लेख करते हुए कहा था की आईएसआई उसे मोहरा बनाए हुए है। सुरक्षा एजेंसियों को हैप्पी के पाकिस्तान में शरण लेने की सूचना दो वर्ष पहले ही मिली थी। वर्ष 2019 में सुरक्षा एजेंसियों ने हैप्पी सहित खालिस्तानियों के विरुद्ध इंटरपोल की मदद से एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था।