कोरोना का कहर: किसी बुरे सपने जैसा था वुहान से 647 भारतीयों को निकालना

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चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के केंद्र हुबेई और उसकी राजधानी वुहान में फंसे 647 भारतीयों को निकालने का मिशन बुरे सपने से कम नहीं था। इसके लिए चीन की सरकारों से तीन स्तर पर अनुमति लेना, सैकड़ों किमी दूर छात्रों से संपर्क बनाना, खोदी गई सड़कों से गुजरना और खुद को वायरस के संक्रमण से बचाना बड़ी चुनौती थी। चीन में भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री ने सोमवार को यह जानकारी दी।
मिस्री ने बताया, कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान भारतीय दूतावास के पास 28,000 से ज्यादा ईमेल और रोज 100 से अधिक फोन कॉल आए। बीजिंग से 1150 किमी दूर वुहान में कई शिक्षण संस्थान हैं। यहां सैकड़ों भारतीय मेडिकल और अन्य प्रोफेशनल कोर्स पढ़ते हैं।। भारत की तरह श्रीलंका और बांग्लादेश भी अपने नागरिकों को हुबेई से निकाल चुका है। हालांकि पाकिस्तान के सैकड़ों विद्यार्थी अब भी फंसे हैं।

भारतीयों से संपर्क
जनवरी में कोरोना का संक्रमण फैला तो दूतावास ने भारतीयों से संपर्क शुरू कर दिया। यातायात बंद होने से कई छात्र भटक भी चुके थे।

पहले गए दो राजनयिक
वुहान 23 जनवरी से पूरी तरह बंद था। एक फरवरी को एयर इंडिया की पहली उड़ान भेजना तय हुआ, लेकिन उससे पहले दो भारतीय राजनयिकों दीपक पदम कुमार और एम बालाकृष्णन को वुहान भेजा गया। दोनों चांगशा शहर होते हुए वुहान पहुंचे। वहां से विद्यार्थियों को बसों से वुहान एयरपोर्ट लाया गया। जिस रास्ते से इनको लाया गया वह यातायात के लिए प्रतिबंधित था।

अनुमति और परमिट
बड़ी संख्या में बसें जुटाना, प्रतिबंधित क्षेत्रों में यात्रा अनुमति लेने का काम चीन मिशन में मौजूद उप-राजदूत अक्विनो विमल और फर्स्ट सेक्रेट्री प्रियंका सोहोनी ने संभाला। दोनों ने चीन की केंद्रीय, राज्य और क्षेत्रीय सरकार अनुमतियां जुटाईं। भारतीय वुहान में 40 अलग-अलग जगहों पर इकट्ठे किए गए।

फिर भी आसान नहीं थी राह
इतना सब होने के बावजूद वहां से निकलना कठिन था। वुहान के लोग बाहर न निकल सकें इसके लिए वहां की सड़कें खोद दी गई हैं। हालांकि बसों को इन्हीं क्षतिग्रस्त सड़कों से निकाला गया और इसमें दो दिन लगे। सभी 647 भारतीयों को वुहान एयरपोर्ट लाया गया। एयर इंडिया ने बी747 विमान उस क्षेत्र में भेजे जहां 900 लोगों की मौत इस वायरस से हो चुकी है और 40 हजार लोग संक्रमित हैं। पहली उड़ान में 324 और दूसरी में 323 भारतीयों व सात मालदीव के नागरिकों को बचाया गया।

80 भारतीय अभी हुबेई में
इस दौरान 10 भारतीय तेज बुखार के चलते विमान से चढ़ने से रोके गए थे। इन्हें मिलाकर कुल 80 भारतीय हुबेई में हैं। बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास इनसे ई-मेल और फोन के जरिए संपर्क में है। चीन सरकार उन्हें जरूरी सामान मुहैया करवा रही है।