कोरोनावायरस से बाजार में मचा हाहाकार, कुछ ही मिनटों में डूबे पांच लाख करोड़

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वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोनावायरस संक्रमण के असर की आशंका के कारण वैश्विक स्तर पर जारी बिकवाली के बीच शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में 1,100 अंक से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। इस भारी गिरावट के कारण शुक्रवार को कारोबार के कुछ ही देर में निवेशकों को पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक की चपत लग गई।
दोपहर 12:07 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 1,214.27 अंक यानी 3.06 की गिरावट के बाद 38,531.39 के स्तर पर था। जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 364 अंक यानी 3.13 फीसदी की गिरावट के बाद 11,269.30 के स्तर पर था। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स की सभी 30 कंपनियों के शेयर गिरावट में चल रहे थे। टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, एचसीएल टेक और रिलायंस इंडस्ट्रीज में आठ फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली।
लगातार छह दिनों से बाजार में गिरावट
चीन के बाहर भी कोरोनावायरस की फैलने के चलते वैश्विक बाजार में गिरावट का दौर जारी है। इसकी वजह से निवेशक बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। लगातार छह दिनों से बाजार में गिरावट दर्ज की जा रही है। इन छह दिनों में निवेशकों को करीब 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
आर्थिक नरमी को लेकर चिंतित निवेशक
विश्लेषकों के अनुसार, निवेशकों का पिछले सप्ताह तक मानना था कि यदि चीन ने कोरोनावायरस के संक्रमण पर काबू पा लिया, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इस आपदा का मामूली असर पड़ेगा। लेकिन संक्रमित लोगों के नए मामले सामने आते जाने से निवेशकों की धारणा बदली है और वे आर्थिक नरमी को लेकर चिंतित हो उठे हैं।
विकास दर के अनुमान से भी बाजार में गिरावट
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर) में भी विकास दर 4.5 फीसदी पर स्थिर रह सकती है। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने सरकारी आंकड़े जारी होने से पहले यह अनुमान जताया है। शुक्रवार को जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकड़े जारी होंगे। इसकी वजह से भी घरेलू शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है।
एफपीआई की बिकवाली से भी बाजार पर दबाव
इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली जारी रहने से भी बाजार पर दबाव है। प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को एफपीआई ने 3,127.36 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की।