नईदिल्ली,03 सितंबर (आरएनएस)। कर्ज में डूबी आवास ऋ ण देने वाली डीएचएफएल में वित्त वर्ष 2006-07 से 2018-19 के दौरान 17,394 करोड़ रुपये के कथित तौर पर गलत तरीके से लेन-देन किये गए। ऑडिटर ग्राथोर्नटन ने यह बात उठाई है। इस साल की शुरूआत में दिवाला एवं ऋ ण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत नियुक्त दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लि. (डीएचएफएल) के प्रशासक ने कंपनी के मामलो की जांच के लिये ग्रांट थोर्नटन की सेवा ली।
पिछले साल, राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने कंपनी को ऋ ण शोधन समाधान के लिये स्वीकार किया था। पीठ ने इंडियन ओवरसीज बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और सीईओ आर एस कुमार को कंपनी का प्रशासक नियुक्त किया था। डीएचएफएल ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि शुरूआती अनुमान में संबंधित लेन-देन 14,046 करोड़ रुपये का आंका गया है।
यह अनुमान एनसीएलटी के समक्ष पेश आवेदन में शामिल है। 30 जून, 2019 की स्थिति के अनुसार यह राशि कंपनी के बही-खाते में बकाये के रूप में है। इसके अलावा 3,348 करोड़ रुपये का नुकसान कुछ इकाइयों को दिये गये कर्ज पर कम ब्याज लगाने के कारण हुए नुकसान में रूप में अनुमानित है। लेन-देन की जांच कर रहे ऑडिटर ग्रांट थोर्नटन की रिपोर्ट के अनुसार संबंधित लेन-देन वित्त वर्ष 2006-07 से 2018-19 के दौरान हुए थे।