ऐसे ही नहीं कहलाए सदी के महानायक, बॉलीवुड में बिग बी ने पुरे किये 50 साल

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पिछली सदी के महानायक कहलाए अभिनेता अमिताभ बच्चन नई सदी में भी नए जोश के साथ हिंदी फिल्मों में लीड किरदार कर रहे हैं। 7 नवंबर 1969 को उनकी पहली फिल्म सात हिंदुस्तानी रिलीज हुई, इस लिहाज से अमिताभ बच्चन ने गुरुवार को सिनेमा में 50 साल पूरे कर लिए। बिग बी के सिनेमा में 50 साल पूरे होने पर फिल्म जगत के तमाम लोगों ने उन्हें बधाइयां भेजी हैं।

कुछ ऐसे मिला था फिल्म सात हिंदुस्तानी में अमिताभ बच्चन को रोल, किस्सा कुछ यूं है कि उन दिनों के मशहूर लेखक इंदर राज आनंद ने अपने बेटे टीनू आनंद को फिल्मी माहौल से दूर रखने के लिए कैटरिंग कॉलेज में एडमिशन दिला दिया था। लेकिन टीनू कॉलेज से बंक करके चले जाते थे, फिल्में देखने। एक दिन टीनू तब रंगे हाथों पकड़े गए जब उनके पिता बिना उनको बताए कॉलेज पहुंच गए। टीनू की फिल्मों में दिलचस्पी देख इंदर राज आनंद ने अपने मित्र लेखक-निर्देशक ख्वाजा अहमद अब्बास से उन्हें अपनी टीम में रखने का अनुरोध किया। अब्बास उन दिनों सात हिंदुस्तानी बनाने की तैयार कर रहे थे तो उन्होंने टीनू को अपनी निर्देशन टीम में सहायक बनाने के साथ-साथ फिल्म में एक दमदार रोल भी दे दिया।
टीनू से मेरी पहली मुलाकात जी नेटवर्क के लिए अमिताभ बच्चन पर मेरी बनाई एक डॉक्यूमेंट्री के दौरान हुई। टीनू ने बताया कि सात हिंदुस्तानी शुरू होने से ठीक पहले उन्हें सत्यजीत रे के साथ काम करने का मौका मिल गया। और, इस काम के लिए खुद अब्बास साहब ने ही सिफारिश की थी लेकिन सात हिंदुस्तानी बनाने की भागदौड़ में वे इसे भूल गए। अब टीनू के सामने धर्मसंकट ये कि वह ये बात ख्वाजा अहमद अब्बास को कैसे बताएं। किसी तरह हिम्मत जुटाकर टीनू ने इस बात का खुलासा किया और अब्बास उन पर बादल की तरह बरस पड़े। अब्बास ने निर्देश दिया कि अपनी जगह अब टीनू ही कोई कलाकार ढूंढकर लाएं जो उनकी जगह ले सके और यहां किस्से में एंट्री होती है अमिताभ बच्चन की।
अमिताभ बच्चन उन दिनों कलकत्ता में नौकरी कर रहे थे। तनख्वाह भी उनकी बहुत अच्छी थी। तब उन्हें साढ़े तीन हजार रुपये महीना मिला करते थे। उन्हीं की फोटो टीनू आनंद ने ख्वाजा अहमद अब्बास को थमा दी। अब्बास ने देखा भी नहीं कि कौन लड़का है, कैसा दिखता है, बस टीनू से बोला कि इसे बुला लो। अमिताभ बच्चन फिल्मों में आने के लिए बहुत उत्सुक थे और टीनू का टेलीग्राम मिलते ही मुंबई आ धमके।
ख्वाजा अहमद अब्बास के दफ्तर में अमिताभ बच्चन का इंटरव्यू हुआ। उनका सरनेम बच्चन देखकर अब्बास को शक हुआ। उन्होंने अमिताभ से पूछा, ‘क्या तुम हरिवंश राय बच्चन के बेटे हो?’ अमिताभ को लगा कि उनका फिल्मी करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाएगा क्योंकि अब्बास ने सीधे हरिवंश राय बच्चन को फोन कर दिया। ये पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने अमिताभ को फिल्मों में काम करने की अनुमति दी है, डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने कहा कि अगर उनके बेटे को ख्वाजा अहमद अब्बास जैसी शख्सियत की शागिर्दी में काम करने का मौका मिल रहा है तो उन्हें कोई एतराज नहीं है।
अमिताभ बच्चन को अपनी इस पहली फिल्म में अभिनय के लिए पांच हजार रुपये मिले। फिल्म सात हिंदुस्तानी पुर्तगालियों के कब्जे से गोवा को छुड़ाने की कोशिशों की कहानी है, इसी कहानी पर अमिताभ बच्चन ने बरसों बाद फिल्म पुकार भी की। अमिताभ बच्चन का इस तरह फिल्म सात हिंदुस्तानी से करियर शुरू हुआ। और, टीनू आनंद उधर सत्यजीत रे के सहायक बने और बाद में अमिताभ के साथ उन्होंने मैं आजाद हूं, कालिया और मेजर साहब जैसी हिट फिल्में निर्देशित कीं।