सावन के दूसरे सोमवार के अवसर पर देश के कई प्रसिद्ध शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालु सैकड़ों किलोमीटर से जल लेकर बाबा को चढ़ाने के लिए मंदिरों में जुटे हैं। उज्जैन स्थित भूतभावन बाबा महाकाल की आज दूसरी शाही सवारी निकलेगी। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं।आज भक्तों को राजाधिराज महाकाल के दो रूपों में दर्शन होंगे। परंपरा के अनुसार शाम 4 बजे महाकाल मंदिर से अवंतिकानाथ का नगर भ्रमण शुरू होगा।
उज्जैन में भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए हैं। शिप्रा नदी में जल की पर्याप्त व्यवस्था के लिए अधिकारियों ने वैठक की। 22 जुलाई को निकली महाकाल की पहली शाही सवारी में प्रशासनिक इंतजाम के बावजूद भगवान महाकाल की पालकी 1 घंटा देरी से मंदिर पहुंची थी। इस बार ऐसा न हो इसके लिए प्रशासन पहले से ज्यादा मुस्तैद है।

महाकाल सवारी की शान बढ़ाने वाला हाथी श्यामू फिट
बाबा महाकाल की सवारी में शामिल होने वाले हाथी श्यामू की तबीयत अब ठीक है। कुछ दिनों पहले एक स्थानीय पार्षद ने शिकायत की थी कि वह उन्मादी हो रहा है। जिस पर वन विभाग और पशु विभाग के डॉक्टरों से श्यामू की सेहत की जांच करवाई। अधिकारियों के अनुसार श्यामू का स्वास्थ्य ठीक है और उसके सवारी में शामिल होने में कोई दिक्कत नहीं है।
बाबा महाकाल की सवारी में शामिल होने वाले हाथी श्यामू की तबीयत अब ठीक है। कुछ दिनों पहले एक स्थानीय पार्षद ने शिकायत की थी कि वह उन्मादी हो रहा है। जिस पर वन विभाग और पशु विभाग के डॉक्टरों से श्यामू की सेहत की जांच करवाई। अधिकारियों के अनुसार श्यामू का स्वास्थ्य ठीक है और उसके सवारी में शामिल होने में कोई दिक्कत नहीं है।
ज्योतिर्लिंग क्षरण पर नहीं है ध्यान
श्रावण मास के दौरान भगवान महाकाल को प्रतिदिन हजारों लीटर सादा जल अर्पित किया जा रहा है। जबकि ज्योतिर्लिंग क्षरण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी ने भगवान को आरओ जल अर्पित करने का सुझाव दिया था। फिर भी कावड़ियों द्वारा लाया गया जल कार्तिकेय मंडपम में लगे जल पात्र से सीधए बाबा महाकाल को चढ़ाया जा रहा है।
नागपंचमी पर महाकाल और नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए यह है योजना
इस साल पांच अगस्त को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। जिसके लिए प्रशासन ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। मंदिर के शीर्ष पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए उमड़ने वाली भीड़ को संभालने के लिए विशेष दर्शन प्लान तैयार हो रहा है। महाकाल की तीसरी शाही सवारी भी इसी दिन निकलेगी।
महाकाल मंदिर में नागपंचमी पर भगवान नागचंद्रेश्वर व महाकालेश्वर के दर्शन के लिए अलग-अलग कतार लगती आई है। लेकिन इस बार सोमवार के दिन नागपंचमी आने से ऐसा दर्शन प्लान तैयार किया जाए, जिससे परिसर में बैरिकेड नहीं लगाना पड़े। अफसर जिस प्लान पर मंथन कर रहे हैं, उसके अनुसार दर्शनार्थियों की एक ही कतार रहेगी।