ईरान से युद्ध रोकने के लिए आज अमेरिकी संसद में ट्रंप करायेंगे वोटिंग

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ईरान-अमेरिका तनाव के बीच एक बार फिर बगदाद पर रॉकेट दागे जाने की खबर आई है। न्यूज एजेंसी एएफपी ने रक्षा सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि इराक की राजधानी बगदाद पर दो कत्युशा रॉकेट दागे गए, जो कि उसके अति सुरक्षित माने जाने वाले इलाके (ग्रीन जोन) में आकर गिरे। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक जहां रॉकेट गिरे वहां सरकारी एजेंसियां और विदेशी दूतावास हैं। हालांकि इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

President Trump says Qassem Soleimani was plotting “imminent and sinister attacks on American diplomats and personnel,” in a statement at the Mar-a-Lago estate in Palm Beach, Fla., on Friday afternoon.

इधर, दूसरी ओर अमेरिकी संसद में आज राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान के साथ युद्ध करने से रोकने के लिए वोटिंग होगी। यह बात स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने कही। उन्होंने कहा कि ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शक्तियों में कटौती को लेकर सदन में गुरुवार को मतदान होगा।

बता दें कि यह घोषणा तेहरान के अमेरिकी सैन्य अड्डों पर मिसाइलें दागने के एक दिन बाद बुधवार को सामने आई है। इससे पहले दिन में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि ईरान को सबक सिखाकर घुटनों पर लाने के लिए सैन्य कार्रवाई के बजाय और अधिक आर्थिक प्रतिबंध लगाकर दंडित किया जाएगा।

स्पीकर पेलोसी ने एक बयान में कहा कि ट्रंप प्रशासन ने ईरान के शीर्ष जनरल, कासिम सुलेमानी की हत्या की, इससे उत्पन्न हुई गंभीर तनाव की स्थिति ने वहां मौजूद हमारे राजनयिकों, अधिकारियों—कर्मचारियों और अन्य आम नागरिकों को खतरे में डाल दिया।

पेलोसी ने कहा कि कांग्रेस के कुछ सदस्यों के पास राष्ट्रपति की रणनीति के बारे में “गंभीर, जरूरी चिंताएं” हैं, जिनके बारे में प्रशासन ने बुधवार की ब्रीफिंग में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। सिर्फ यही नहीं प्रशासन ने युद्ध शक्ति अधिनियम के तहत कांग्रेस को सूचित नहीं किए जाने या भरोसे में नहीं लेने को लेकर भी कोई सफाई नहीं दी गई।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष, नैन्सी पेलोसी ने कहा कि ईरान के साथ जंग से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रोकने के लिए सदन में गुरुवार को मतदान होगा।
भारत बोला- इराक की यात्रा टालें और वहां सतर्क रहें भारतीय
इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान की जवाबी कार्रवाई के बाद भारत ने इन हमलों पर सीधी प्रतिक्रिया देने से बचते हुए अपने नागरिकों को सुरक्षा को ध्यान में रखने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श में इराक में रहने वाले भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और वहां की यात्रा करने से बचने का सुझाव दिया गया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, बगदाद में हमारा उच्चायोग और इरबिल में वाणिज्य दूतावास सामान्य रूप से काम करना जारी रखेंगे और इराक में रहने वाले भारतीय नागरिकों को सभी सेवाएं प्रदान करेंगे।

मंत्रालय के अलावा नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने भारतीय एयरलाइन कंपनियों से कहा कि वे ईरान, इराक, ओमान की खाड़ी और फारस की खाड़ी में हवाई क्षेत्र में पूरी सतर्कता बरतें। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, हमने संबद्ध एयरलाइनों के साथ बैठक की और उन्हें सतर्क रहने तथा हर संभव एहतियात बरतने को कहा गया है।
कोई संकट नहीं, हर हालात से निपटने की तैयारी- धर्मेंद्र प्रधान
अमेरिका-ईरान में तनाव से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है, मगर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र्र प्रधान ने बुधवार को कहा, देश में तेल का कोई संकट नहीं है। हम हर तरह के हालात से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इस बारे में ज्यादा विवरण नहीं दिया। भारत दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा ईंधन खपत करने वाला देश है।

प्रधान ने कहा, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मामले में बडे़ तेल आपूर्तिकर्ता देशों में अपने समकक्षों से बातचीत की है और पिछले सप्ताह से जारी वैश्विक हालात को लेकर भारत की चिंता से उन्हें अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा, हालात पर हम पैनी नजर बनाए हुए हैं।
फ्रांस ने ईरान-इराक की उड़ानें रोकीं
फ्रांसीसी विमानन कंपनी एयर फ्रांस ने कहा कि अगले नोटिस तक ईरान और इराक के लिए अपनी विमान सेवाओं को स्थगित कर रहा है। यह कदम सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया जा रहा है।

पाक ने भी नागरिकों को किया सतर्क
पाकिस्तान ने कहा है कि वह अपने नागरिकों को आगाह करना चाहेगा कि वे अगर ईरान या इराक जाना चाह रहे हों तो पूरी तरह से सतर्क रहें और जो पहले से इराक में हैं वे बगदाद में बने पाक दूतावास के संपर्क में रहें।
ईरान ने पहले ही अमेरिकी सेना पर मिसाइल हमले के बारे में बताया था: इराकी पीएम
इराक के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को दावा किया कि उसे ईरान की तरफ से एक आधिकारिक मौखिक संदेश मिला था जिसमें कहा गया था कि इराक की जमीन पर तैनात अमेरिकी सेनाओं पर मिसाइल से हमला जल्द हो सकता है। कार्यालय ने कहा कि संदेश में कहा गया था कि सुलेमानी की हत्या के जवाब में यह कदम उठाया जाएगा और यह हमला केवल अमेरिकी सेना तक ही सीमित रहेगा। हालांकि यह नहीं बताया गया था कि हमला कहां किया जाएगा।