इस महिला चिकित्सक ने सबसे पहले पकड़ा था कोरोना वायरस, जान लें पूरी कहानी

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लखनऊ। कोरोना वायरस का डर सिर्फ चीन में ही नहीं बल्कि भारत में भी सताने लगा है। केरल में कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके डर को समझते हुए वैश्विक स्वास्थ्य इमरजेंसी घोषित करने की मांग की है। सबसे पहले यह वायरस चीन में पाया गया। इसकी पहचान एक महिला चिकित्सक जहांग जियांग ने की जो कि वुहान के श्वांस रोग और उपचार केंद्र की निदेशक हैं। उन्होंने बताया कि 26 दिसंबर की सुबह वुहान की 54 साल की रेस्पिरेटरी एक्सपर्ट जहांग जियांग ने नए तरह के फ्लू कोरोनावायरस से ग्रसित कुल 7 लोगों का परीक्षण किया। इनमें एक चीज कॉमन थी वो ये कि इन सभी लोगों में फेंफड़ों का एक्स रे करने पर निमोनिया से पीड़ित होने के लक्षण पाए गए. अगले दिन इस तरह के और मरीज डॉक्टर जियांग के पास आए.

जियांग को एक बात बड़ी अजीब लगी कि उसी परिवार के ही और सदस्यों को ये बीमारी शिकार बना रही थी. जिससे ये बात साफ हो गई थी कि ये नई बीमारी फैलने वाली बीमारी है. उन्होंने बताया कि आम तौर पर जब कोई रोगी परिवार का एक सदस्य होता है. एक साथ एक परिवार के 3-4 सदस्य बीमार नहीं पड़ते. ये तभी होता है जब कोई रोग संपर्क में आने से फैले. मतलब फैलने वाला रोग हो. पहले 7 रोगियों में से 4 में एक और बात कॉमन थी वो थी चारों का वास्ता हुआन सीफूड और मीट मार्केट से था.जियांग ऐसी पहली डॉक्टर बनी जिन्होंने कोरोनावायरस के रोग की तफ्तीश शुरू की. इसी रोग से दुनियाभर में अगले 5 हफ्तों में करीब 300 लोगों की मौत हुई और 14000 से ज्यादा लोगों इससे प्रभावित हुए. एक महीने बाद जियांग चीन में हीरो बन गईं।

जियांग हुबेई के प्रोवेंशियल अस्ताल में रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट में डायरेक्टर हैं. वो सौम्य स्वभाव की बताई जाती हैं. जियांग ने जानलेवा बीमारी कोरोनावायरस पर बात करते हुए कहा- ‘ये एक ऐसी बीमारी है जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा था. इस रोग से ग्रसित 4 लोग साउथ चाइना सी फूड मार्केट से थे. ये गंभीर बात थी. जो भी 7 लोग इस नई बीमारी की चपेट में आए थे उनके फेंफड़ो की जांच करने पर एक ही तरह की रिपोर्ट आ रही थी अब रोग की तीव्रता में फर्क था.’
जियांग ने बताया कि ये तय हो गया था कि ये 7 केस जिनको निमोनिया हुआ थो ये गंभीर कोरोनावायरस के शुरुआती रोगी थे. लेकिन इसके बाद बीमारी फैलती गई. अस्पताल में आइसोलेशन बिस्तरों की कमी पड़ने लगी. इसके बाद अलग-अलग अस्पतालों से एक्सपर्ट्स की टीम तैयार हुई और उन्होंने मिलकर कोरोनावायरस पर काम करना शुरू किया.

कोरोनावायरस मिलने के पहले केस के बाद ही डॉक्टर जियांग ने रेस्पिरेटरी डिपार्टमेंट के पूरे स्टाफ को N95 मास्क पहने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि ‘जब हम रोगियों के कक्ष में पहुंचते थे तो हमेशा N95 मास्क पहनते थे.’ इसके बाद और भी सतर्कता बरती गई.कोरोनावायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं.

आपको बता दें कि चीन में इस वक्त भी कोरोनावायरस का कहर जारी है। भारत में भी तीन केस केरल में पॉजिटिव पाए गए हैं। तीनों मामले की पुष्टि केरल में हुई है। चीन के वुहान शहर में पढ़ने वाली एक छात्रा की जांच के नतीजे पॉजिटिव पाए गए हैं। ऐसे में अब कोरोनावायरस को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इससे कितना खतरा है, यह कैसे फैलता है, इससे किस तरह से बचा जा सकता है? अब बात आखिर क्या है कोरोना वायरस। तो आपको बता दें कि डब्लूएचओ के मुताबिक यह वाइरस सी-फूड से जुड़ा है। संक्रमण की शुरुआत चीन के हुवेई प्रांत के वुहान शहर के एक सी-फूड बाजार से ही हुई मानी जा रही है। यह इंसानों को ही नहीं बल्कि पशुओं को भी अपना शिकार बना रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया है।

भारत के अलावा, चीन से नेपाल और पाकिस्तान में संक्रमण का खतरा है। अब सवाल यह उठता है कि यह वायरस मानव शरीर में कैसे आया? दरअसल चीन में सांप का मांस खाना इस वायरस के संक्रमण की संभावित वजह बनने की रिपोर्ट आई हैं। सरीसृप वर्ग के जीवों से इंसानों में इस वायरस के फैलने का खतरा होता है।पूर्वोत्तर और बाकी जनजातीय क्षेत्रों में जागरूक करने के लिए प्रोग्राम चलाया जा रहा है।

सबसे बड़ी बात है कि आखिर इस वायरस के खतरे से निपटने के क्या कारगर उपाय हैं? तो सबसे पहली बात कि इस वायरस का असर फ्लू की तरह के लक्षणों के रूप में दिखता है. इससे जुकाम, नाक बहना, गले में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे में मधुमेह या निमोनिया सहित बाकी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है, क्यों कि पहले से बीमार लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। चीन के अलावा कोरोनावायरस जापान, कोरिया और थाईलैंड के यात्रियों के संपर्क में आने से बचना चाहिए.