इस क्रिकेटर ने अपनी पीठ पर छपवा ली थी अपने पिता की मौत की उम्र

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जैक्स कैलिस को दोस्त प्यार से जैक या जैकी भी बुलाते, जिस दौर में दक्षिण अफ्रीकी टीम अपने पूरे शबाब पर थी, तब जैक जैसे योद्धा ही इसके तारणहार बने हुए थे। 16 अक्टूबर 1975 को जन्में कैलिस आज अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं।

अपने पिता के बेहद करीबी रहे जैकी ने एक समय क्रिकेट से किनारा कर लिया था। कैलिस सीनियर कैंसर से पीड़ित थे, उस दौरान एक पुत्र का दायित्व निभाते हुए जैक ने खेल छोड़कर सारा ध्यान पिता की देखभाल पर लगाया। अफसोस कि वह बच न सके। कैलिस के पिता हैनरी का निधन 65 की उम्र में हुआ था। बाद में जैक्स ने वनडे क्रिकेट में अपनी जर्सी का नंबर बदलकर 65 कर लिया।

जैक्स कैलिस की बहन जैनिन एक प्रोफेशनल चीयरलीडर हैं। दुनियाभर के कई खेलों में अपने नृत्य से वह खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करतीं हैं। आईपीएल में उन्होंने अपनी इस प्रतिभा का लोहा मनवाया था। इस दौरान एक मजेदार वाकया भी देखने को मिला, जब अपने भाई के आउट होने के बाद जैनिन खुशी से उछलकर डांस करने लगी थीं। दरअसल, आईपीएल के दूसरे संस्करण में जैक्स रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से खेल रहे थे और उनकी बहन चेन्नई सुपरकिंग्स की चीयरलीडर थीं। तब कैलिस के आउट होने के बाद जैनिन ने जश्न मनाया था।

अपनी निरंतरता के लिए पहचाने जाने वाले कैलिस एकबार जब क्रीज पर जम जाते तो अच्छे-अच्छे गेंदबाज पानी भरने लगते थे। दिसंबर 1995 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले कैलिस क्रिकेट के लगभग हर फॉर्मेट के सिकंदर थे। 519 (166 टेस्ट+328 वन-डे, 25 टी-20) मैच में 25 हजार से ज्यादा रन, 577 विकेट और लगभग 350 कैच। यह सब एक साथ करने वाले केवल कैलिस ही हैं और कोई भी ऑलराउंडर दूर-दूर तक उनके आसपास भी नहीं।

शुरुआती करियर में कैलिस को अपना प्रभाव दिखाने में समय लगा, लेकिन जल्द ही वे अपनी टीम के लिए एक संकट मोचक बनकर उभरने लगे। करियर के दो साल बाद ही उन्होंने अपनी अहमित ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में दिखाई जब मेजबान टीम के 309 के जवाब में उनकी टीम केवल 186 रन पर सिमट गई। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 275 रन बनाए और जब एक रन पर एक विकेट खोकर उनकी टीम संकट में थी तब उन्होंने 101 रन की पारी खेल मैच ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई।
जैक्स कैलिस से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा अंडर-15 के दिनों का भी याद आता है, जब उन्हें वेस्टर्न प्रोविंस अंडर-15 टीम से यह कहकर बाहर कर दिया गया था कि उनका कद बहुत कम है। कहा गया, ‘वह इतने छोटे हैं कि गेंद को स्क्वायर की दिशा में भेज भी नहीं सकते, इसके बाद कैलिस ने अपने खेल से विरोधियों का मुंह बंद कर दिया।
कैलिस उस दौर के खिलाड़ी थे जब टी-20 क्रिकेट अपने पैर तेजी से पसार रहा था और तूफानी बल्लेबाजी को ही अहमित दी जाने लगी थी। ऐसे में कैलिस ने अपनी तकनीक से लोगों को प्रभावित किया और उन्हें उन खिलाड़ियों में शूमार किया जाने लगा, जिनमें सचिन के कई रिकॉर्ड तोड़ने की क्षमता मानी जाने लगी। कैलिस रिटायर होते समय सचिन से तीन हजार टेस्ट रन से भी कम रन से पीछे थे। यहां तक कि टेस्ट शतकों में वे सचिन से केवल छह शतक दूर थे।
महान खिलाड़ी अक्सर खुद को स्लेजिंग से दूर रखते हैं। मगर इस प्रोटियाज खिलाड़ी ने तो इसे एकदम अलग स्तर पर स्थापित किया।
एक बार ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज माइकल कास्प्रोविच उन्हें जमकर स्लेज कर रहे थे, जिस पर कैलिस कुछ रिएक्ट ही नहीं कर रहे थे। कैस्पर लगातार बाउंस डालकर स्लेजिंग करें, लेकिन बल्लेबाज पर इसका कोई असर ही नहीं हो। हैरान-परेशान कास्प्रोविच ने अपने साथियों से कहा, क्या यह आदमी बहरा है?

कैसिल ने साल दर साल अपना रिकॉर्ड बेहतर ही किया, उन्होंने अपने करियर के आखिरी टेस्ट में शतक लगाया जो कि उनकी आखिरी टेस्ट पारी भी रही। वे 38 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह गए।