(www.arya-tv.com) अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के शताब्दी कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। 56 साल में लाल बहादुर शास्त्री के बाद AMU में भाषण देने वाले मोदी दूसरे प्रधानमंत्री हैं। अपने भाषण में मोदी ने यूनिवर्सिटी के इतिहास, एल्युमिनाई, यहां की रिसर्च और महिला शिक्षा पर बात रखते हुए सेक्युलरिज्म पर भी विचार रखे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम किस मजहब में पले-बढ़े हैं, इससे बड़ी बात ये है कि कैसे हम देश की आकांक्षाओं से जुड़ें। मतभेदों के नाम पर काफी वक्त जाया हो चुका है। अब मिलकर नया आत्मनिर्भर भारत बनाना है।
शिक्षा सभी तक बराबरी से पहुंचे
नई शिक्षा नीति में स्टूडेंट्स की जरूरतों को ध्यान में रखा गया है। आज का युवा नई चुनौतियों का समाधान निकाल रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में युवाओं की इसी एस्पिरेशन को प्राथमिकता दी गई है। अब स्टूडेंट्स को अपना फैसला लेने की आजादी होगी। 2014 में 16 IIT थे, अब 23 हैं। आज 20 IIM हैं। शिक्षा सभी तक बराबरी से पहुंचे, हम इसी के लिए काम कर रहे हैं।
बात देश के लक्ष्य की हो तो मतभेद किनारे कर देने चाहिए
युवाओं से मेरी कुछ अपेक्षाएं भी हैं। AMU के पास जबरदस्त ताकत है। यहां 100 हॉस्टल हैं। उन्हें प्लान बनाना चाहिए कि उन स्वतंत्रता सेनानियों को खोजकर लाएं, जिनके बारे में अभी तक ज्यादा नहीं सुना गया। आत्मनिर्भर भारत को मजबूत बनाने के लिए AMU से सुझाव मिलें तो इससे अच्छा कुछ नहीं होगा। हम कहां और किस परिवार से पैदा हुए, किस मजहब में पले, इससे बड़ा है कि उसकी आकांक्षाएं देश से कैसे जुड़ें। वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात देश की लक्ष्य प्राप्ति की हो तो सब किनारे रख देना चाहिए। ऐसी कोई मंजिल नहीं जो हम मिलकर हासिल न कर सकें।
