रूस ने अपने देश में वैकल्पिक इंटरनेट सिस्टम तैयार कर लिया है। साथ ही इसका प्रयोग भी सफल रहा है। सोमवार को जब लोगों को इस बारे में पता चला तो वो हैरान रह गए। गौर करने वाली बात यह है कि लोगों ने अपने इंटरनेट सिस्टम के इस्तेमाल के दौरान किसी भी तरह का बदलाव महसूस नहीं किया। लोग बिना रुकावट अपना इंटरनेट का प्रयोग करते रहे।
रूस की तरफ से पिछले तीन सालों यह प्रयास किए जा रहे थे कि अगर वर्ल्ड वाइड वेब से उसका संबंध टूट जाता है या अमेरिकी हस्तक्षेप में बढ़ोतरी होती है तो वह देश के लोगों को जोड़ने के लिए अपना इंटरनेट सिस्टम का प्रयोग कर सकता है। रूस के इस प्रयोग की अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों ने यह कहते हुए आलोचना की है कि इससे इंटरनेट ब्रेकअप होगा और रूस अपने ही देश के लोगों पर पूरा नियंत्रण रखना चाहता है। इससे पहले चीन और ईरान ऐसी कोशिश कर चुके हैं।
अमेरिकी साइबर सुरक्षा की आक्रामकता को देखते हुए किया: रूसी उप संचार मंत्री
रूस के उप संचार मंत्री एलेक्सी सोकोलोव ने कहा कि हमने यह प्रयोग नवंबर में पारित किए गए ‘संप्रभु इंटरनेट बिल’ के तहत ही किया है। उन्होंने बताया कि अमेरिकी साइबर सुरक्षा रणनीति की लगातार आक्रामक रुख को देखते हुए हम मजबूर हुए हैं।
मंत्री ने कहा कि कानून के अनुसार, सरकारी संस्थानों और सुरक्षा सेवाओं के साथ सभी संचार ऑपरेटर्स, मैसेंजर्स और ई-मेल सेवा देने वालों को प्रयोग में भाग लेना था, जो नियमित इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को प्रभावित नहीं करते हैं। हमारा लक्ष्य था कि रूस में किसी भी परिस्थिति में यहां के हर नागरिक को बिना रुकावट इंटरनेट सेवा मिले।
इंटरनेट पर किसी का अधिकार नहीं
गौरतलब है कि इंटरनेट किसी सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं है। कोई एक व्यक्ति, कंपनी, संस्था या सरकार का इस पर अधिकार नहीं रखती है। लेकिन कुछ एजेंसी सलाह देकर, मानक निर्धारित कर इसे कम करने में मदद करती है। दुनिया में लगभग साढ़े चार सौ करोड़ लोग इंटरनेट का प्रयोग करते हैं।
ऐसे काम करता है इंटरनेट
डोमेन वह सिस्टम है, जो इंटरनेट में बताए गए नाम और आईपी एड्रेस स्टोर रखता है। डोमेन का जिक्र करते ही इंटरनेट सर्वर उसे संबंधित आईपी एड्रेस में ट्रांसलेट करके डेटा कंप्यूटर तक भेज देता है।
इंटरनेट में गाइडलाइन, स्टैंडर्ड और रिसर्च करने वाले समूह को वर्ल्ड वाइड कंसोर्टियम (W3C) कहते है।
सर्विस प्रोवाइडर भी तीन स्तरों पर हैं। पहली कंपनी समुद्र के नीचे केबल डालकर सर्विस प्रोवाइडर्स को दुनियाभर से जोड़ती हैं। दूसरी इन प्रोवाइडर्स को राष्ट्र से और तीसरी कंपनी स्थानीय प्रोवाइडर्स होती हैं।
